छात्र संघ चुनावः सतीश पूनिया ने विजयी प्रत्याशियों को दी बधाई, युवाओं ने बताया 2023 का फैसला
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हुए छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी विजयी प्रत्याशियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं.
Jaipur: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हुए छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी विजयी प्रत्याशियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं.
पूनिया ने छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की हार और एबीवीपी की जीत को युवाओं की प्रतिक्रिया बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा राज्य की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ साल 2023 के चुनाव में भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देगा और उसका रुझान युवाओं ने पहले ही बता दिया है.
पूनिया ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के जरिए आनन-फानन में घोषित किये गए छात्रसंघ चुनावों में अधिकांश छात्र प्रवेश तत्पश्चात् मतदान से वंचित रहे, यही कारण था कि औसतन 50 प्रतिशत मतदान का संकेत यही है कि विद्यार्थियों की कोई रूचि नहीं थी, फिर भी पुलिस प्रशासन का दवाब और दमन चक्र चलाया और सरकारी मशीनरी के दवाब में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एजेंडा था कि निकायों और पंचायतीराज चुनावों में परिसीमन और जोड़तोड़ के जरिए काबिज होकर यह अपने प्रभुत्व को दर्शाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और गहलोत के मंसूबे सफल नहीं हुए और पहली बार सत्तारूढ़ दल को अपेक्षित सफलता नहीं मिली.
पूनिया का कहना है कि, प्रदेश के पंचायतीराज चुनाव में भी करीब ढाई करोड़ मतदाताओं ने जनविरोधी नीतियों के कारण कांग्रेस सरकार के खिलाफ मतदान किया था और भाजपा को 33 में से 19 जिलों में जिला प्रमुख बनाने का आशीर्वाद जनता ने दिया था.
पूनिया बोले कि, यही हाल इन छात्रसंघ के चुनावों में हुआ, आज घोषित परिणाम यही साबित कर रहे हैं कि राज्य में उच्च शिक्षा के बदतर हालात, शैक्षिक संस्थानों में अराजकता, प्राध्यापकों का अभाव, बुनियादी सुविधाओं की कमी, शैक्षणोत्तर गतिविधियों की कमी, शिक्षा के बाद कैरियर काउंसिलिंग की कमी और इन सबसे अधिक बेरोज़गारी प्रमुख समस्या बन गई और रीट जैसे पेपर लीक तथा लगातार नकल की घटनाओं से राजस्थान के बेरोजगार अवसाद में जाकर आत्महत्या तथा अपराध जैसे कदमों की ओर प्रवृत्त हुए हैं.
पूनिया ने कहा कि इन सब घटनाओं का मानसिक असर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों पर पड़ा है और उन्होंने राज्य की कांग्रेस की गहलोत सरकार को सिरे से नकार दिया है; इस सरकार का यह लिटमस टेस्ट जैसा है, मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र जोधपुर में भी कांग्रेस का छात्र संगठन खाता नहीं खोल पाया और पूरे प्रदेश में भी इनकी स्थिति शून्य रही, और यह भविष्य का ही संकेत है कि 2023 में प्रदेश का विद्यार्थी और नौजवान कांग्रेस के विरूद्ध मतदान करेगा.
युवा, किसान और महिला विरोधी कांग्रेस सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में एंटीइनकंबेंसी है, 2023 में प्रदेश की जनता कांग्रेस को हमेशा के लिए राजस्थान से मुक्त कर देगी और प्रचण्ड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी.
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