ईट भट्टा मजदूर के बेटे ने हिंदी मीडियम में पास किया UPPSC एग्जाम, घर की टपकती छत हुई फेल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1729160

ईट भट्टा मजदूर के बेटे ने हिंदी मीडियम में पास किया UPPSC एग्जाम, घर की टपकती छत हुई फेल

Success Story : ये तस्वीर उन लोगों के लिए अपनी नाकामियाबी का ठिकरा हालात या भगवान पर डाल देते हैं और फिर हार मान कर बैठ जाते हैं. तस्वीर में दिख रहे मुक्तेद्र कुमार (Muktendra Kumar) यूपीएससी (UPSC)क्लीयर कर चुके है. घर के हालात बताने के लिए ये तस्वीर दिखायी गयी है.

ईट भट्टा मजदूर के बेटे ने हिंदी मीडियम में पास किया UPPSC एग्जाम, घर की टपकती छत हुई फेल

Success Story : एक टेबल, सामने प्लास्टिक की थैलियों में रखा घर का सामान और पड़ोस में बैठे भोलेनाथ और कुछ और भगवानों की तस्वीर. आमतौर पर एक लोअर मिडिल क्लास परिवार का घर कुछ ऐसा ही दिखता है. ऐसे ही परिवार से मुक्तेंद्र कुमार के लिए यूपीएससी एक सपने के जैसा था. जिसे अपनी मेहनत से उन्होनें पूरा कर दिखाया है.

बेटे का सपना पूरा होना, मां-बाप के चेहरे की चमक से दिख जाता है. यूपी के बिजनौर के रहने वाले मुक्तेंद्र कुमार आर्थिक रूप से कितने सक्षम हैं. ये बताने कि जरूरत नहीं है, लेकिन मानसिक  रूप से उनकी क्षमता को आंकना मुश्किल हो सकता है.

पिता ईंट भट्टे में काम करते हैं. परिवार बारिश के दिनों में छत से टपकते पानी को रोकने में भी कामयाब ना हो सका लेकिन मुक्तेंद्र ने अपनी कामयाबी से सारे दुख दर्द मिटा दिये हैं. 

मुक्तेंद्र कुमार ने तीन साल यूपीएससी की तैयारी की और फिर दूसरी कोशिश में उनको सफलता मिली.  यूपीएससी परीक्षा 2022 में मुक्तेंद्र को 819वीं रैंक मिली है. मुक्तेंद्र को पहले सिर्फ SSC की परीक्षा के बारे में जानकारी थी, लेकिन जब  UPSC के बारें में पढ़ा तो तय कर लिया कि बस ये परीक्षा क्लीयर करनी है. 

मोची पिता और मां के पसीने से नागौर का प्रदीप बना RBSE टॉपर

मुक्तेंद्र हिंदी मीडियम से परीक्षा दे रहे थे. जिसमें सफलता का प्रतिशत थोड़ा कम होता है, लेकिन जो सफलता उन्हे मिली है वो पूरे गांव के साथ साथ उन लोगों के लिए मोटिवेशन है जो हिंदी मीडियम में परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

परिवार की माली हालत ने मुक्तेंद्र को मोटिवेट किया कि वो परिवार के लिए कुछ करें और मां बाप की परेशानियों का हल ढूंढ सकें. मुक्तेंद्र उन सभी यूपीएससी की तैयारी कर रहे लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, जो साबित करते हैं कि कड़ी मेहनत से आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं, चाहे हालात कैसे भी हों.

Success story : चाय लेने गया हेड कॉस्टेबल, जो SDM बन कर लौटा
 

 

Trending news