विधानसभा में विधायकों के बीच इन नए रिश्तों का हुआ खुलासा
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विधानसभा में विधायकों के बीच इन नए रिश्तों का हुआ खुलासा

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विधायकों के बीच नए-नए रिश्तों का खुलासा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कभी स्पीकर सीपी जोशी तो कभी प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को अपना गुरु बताया.

विधानसभा में विधायकों के बीच इन नए रिश्तों का हुआ खुलासा

Jaipur: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विधायकों के बीच नए-नए रिश्तों का खुलासा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कभी स्पीकर सीपी जोशी तो कभी प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को अपना गुरु बताया. गुरु-चेले के संवाद के थोड़ी ही देर बाद विश्वेंद्र सिंह चाचा की भूमिका में आए और मंडावर विधायक मंजीत चौधरी के रूप में उन्होंने सदन में अपना भतीजा देखा.

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एक कहावत के मुताबिक कबड्डी में कोई काकाजी नहीं होता, इसी तरह विधानसभा में विधायकों का एक दूसरे से पक्ष और विपक्ष का ही नाता होता है. पक्ष- विपक्ष के अलावा आमतौर पर विधायकों में कोई रिश्ता नहीं माना जाता, लेकिन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपने अंदाज से नए- नए रिश्ते गढ़ ही लेते हैं. दरअसल वाकया मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान का है. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कभी स्पीकर सीपी जोशी तो कभी विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ को अपना गुरु बताया. थोड़ी ही देर बाद एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने मंडावर विधायक मनजीत चौधरी को अपना भतीजा कह कर संबोधित किया.

विश्वेंद्र सिंह के अंदाज से सदन में गूंजे ठहाके
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वही अंदाज और तेवर विधानसभा में भी दिखाई देते हैं. प्रश्नकाल के दौरान वल्लभनगर से कांग्रेस की विधायक प्रीति शक्तावत की तरफ से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए विश्वेंद्र ने अपनी बात रखी. विधायक के पूरक प्रश्न करने से पहले ही विश्वेंद्र जवाब देने लगे तब स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें रोक दिया. थोड़ी देर बाद विश्वेंद्र जवाब देने लगे तो स्पीकर ने पूछा कि, ' आपको पहले से पता था क्या कि विधायक पूरक प्रश्न भी पूछेंगी?' इस पर विश्वेंद्र सिंह ने हां में जवाब देते हुए कहा कि, हुकुम आपके शिष्य हैं, तो इतना तो पता लग ही जाता है. विश्वेंद्र सिंह के इस वक्तव्य पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी खड़े होकर तपाक से स्पीकर सीपी जोशी से मुखातिब हुए. उन्होंने विश्वेंद्र जैसा शिष्य मिलने पर स्पीकर को धन्य बताया.

स्पीकर भी मानों राजेंद्र राठौड़ की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने भी तत्काल जवाब देते हुए कहा कि आपने ही तैयार करके ऐसा शिष्य मेरे पास भेजा है.
इस पर विश्वेंद्र सिंह ने दोनों नेताओं के बीच में दखल देते हुए राजेंद्र राठौड़ से कहा कि, ' मैं कई बार आपसे भी बहुत सीखता हूं.' सदन में चले हल्के- फुल्के अंदाज के इस घटनाक्रम में विश्वेंद्र सिंह की हाजिर जवाबी देखकर हर कोई मुस्कुरा उठा. कुछ विधायकों ने तो टेबल बजाकर भी उनकी बात का समर्थन किया. 

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मंजीत चौधरी को बताया भतीजा
प्रश्नकाल में थोड़ी ही देर बाद मंडावर विधायक मनजीत चौधरी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पैनोरमा और दूसरे विकास कार्यों को लेकर सवाल पूछा. इस पर विश्वेंद्र ने मनजीत से कहा कि, ' आप तो मेरे भतीजे की तरह ही हैं '. विश्वेंद्र अपनी बात को सुधारते हुए बोले कि, 'भतीजे की तरह ही क्या, आप तो मेरे भतीजे ही हैं.' विश्वेंद्र ने मंजीत से कहा कि आप चेंबर में आ जाइएगा, मैं आपको इस मामले में पूरा ब्यौरा दिलवा दूंगा.

दरअसल विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में ऐसे कई मौके आए जब विश्वेंद्र सिंह सवाल और उसके बाद विधायकों के पूरक प्रश्न में घिरते दिखाई दिए, लेकिन अपने वाक चातुर्य से उन्होंने पेचीदा से पेचीदा स्थिति को आसान बना दिया. आमतौर पर किसी भी समय पेचीदा स्थिति होने पर विश्वेंद्र विधायक को अपने चेंबर में बुलाकर संबंधित प्रश्न के बारे में पूरी जानकारी देने की बात करते दिखाई दिए हैं. 

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