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दिल्ली/ जयपुर: मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों के खाने के लिए राजगढ़ के चीतल और हिरण को परोसने पर बिश्नोई समाज ने विरोध दर्ज करवाया है.अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बुड़िया ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर मांग की है कि चीतों के भोजन के लिए चीतल और हिरण को नहीं परोसा जाए. क्योंकि वन्य जीवों के रक्षा के लिए विश्नोई समाज सदियों से निस्वार्थ भाव से काम कर रहा है, इसलिए विश्नोई समाज को इस घटना से दुख पहुंचा और भावना आहत हुई है.
अध्यक्ष देवेन्द्र बुड़िया ने कहा कि बिश्नोई समाज करीब साढ़े 5 सौ सालों से पर्यावरण बचाने और और वन्य जीव की रक्षा करते आ रहे हैं, यहां तक इसको बचाने के लिए कई बलिदान भी दिए हैं. अध्यक्ष बुड़िया ने कहा कि विश्नोई संप्रदाय पेड़ और वन्य जीवों को अपने प्राणों से बढ़कर मानते हैं, इसलिए किसी के भोजन के लिए किसी अबोध जीव को ज़बरदस्ती परोसना उचित नहीं है. इस मुद्दे को लेकर वन पर्यावरण मंत्री से भी मुलाकात करेंगे.
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अध्यक्ष देवेन्द्र बुड़िया ने कहा कि पीएम मोदी ने पर्यवारण और वन जीव रक्षा के लिए विश्नोई समाज के योगदान की सराहना कई मंचों से की है. साथ ही 'मन की बात' कार्यक्रम में भी कई बार इसकी चर्चा कर चुके हैं. इतने संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी प्रधानमंत्री से यह कैसे चूक हो गई, समझ से परे है. अध्यक्ष देवेन्द्र बूड़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि उन वन्य प्राणियों को जल्दी से जल्दी आजाद करवाएं. बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेन्द्र अध्यक्ष बुड़िया ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार मुलाकात की और 25 सितंबर को मुकाम में आयोजित होने वाले विश्नोई समाज के मेले में आने के लिए आमंत्रित किया.
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