Jaipur News: शुद्ध के लिए युद्ध अभियान, पहली बार 6 विभागों का रहेगा शिकंजा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1057702

Jaipur News: शुद्ध के लिए युद्ध अभियान, पहली बार 6 विभागों का रहेगा शिकंजा

मिलावटखोरों के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 1 जनवरी से शुरु होगा. इसमें मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सही सूचना देने वालों को 51 हजार का ईनाम दिया जाएगा. 

Jaipur News: शुद्ध के लिए युद्ध अभियान, पहली बार 6 विभागों का रहेगा शिकंजा

Jaipur: खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए 1 जनवरी से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलेगा. इस बार अभियान रुटीन जैसा नहीं होगा. ठोस और मजबूत कार्रवाई के लिए 6 विभागों को साथ जोड़ा गया. जिस प्रकार सोनोग्राफी सेंटरों पर लिंग परीक्षण रोकने के लिए डिकॉय ऑपरेशन होते हैं. कुछ उसी तर्ज पर मिलावटियों के यहां डिकॉय ऑपरेशन होंगे.

मिलावटखोरों के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 1 जनवरी से शुरु होगा. इसमें मिलावटी खाद्य सामग्री (Adulterated Food) बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सही सूचना देने वालों को 51 हजार का ईनाम दिया जाएगा. उनका नाम भी गोपनीय रखा जाएगा. इस अभियान की मॉनिटरिंग जिले में जिला कलेक्टर करेंगे. जिला स्तर पर उनकी अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है और उपखंड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है.

यह भी पढ़ें- New Year Celebration: जयपुर पहुंच रहे हैं Tourists, Leopard Safari का क्रेज

छह विभाग जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा, रसद विभाग, बाट माप तौल और डेयरी विभाग मिलकर कार्रवाई करेंगे. पहली बार अभियान में डिकोय ऑपरेशन (Decoy Operation) को अंजाम देंगे विशेष जांच दल में एसडीओ, तहसीलदार बीडीओ, डिप्टी एसपी, पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधिक माप विज्ञान अधिकारी और डेयरी प्रतिनिधि शामिल होंगे है. रोजाना रिपोर्ट कलेक्टर को भेजनी पड़ेगी. ऑनलाइन सिस्टम रहेगा. जयपुर जिले में 4 टीमें बनाई गई है.

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा (District Collector Antar Singh Nehra) ने बताया कि अभियान की अवधि में मिलावटी खाद्य वस्तुएं बनाने वालों की सूचना देने वालों को सूचना सही पाए जाने पर 51000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इस राशि का वितरण कलेक्टर के द्वारा फूड टेस्टिंग लैब की सूचना के बाद निष्कर्ष प्रमाणित करते हुए दिया जाएगा. यह भी बताया कि मिलावट करने वालो की सूचना कंट्रोल रूम नंबर पर सूचित करें सकते हैं, जिसमें सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा. जिला स्तरीय प्रबंधन समिति द्वारा जिले के खाद्य पदार्थ उत्पाक, बड़े थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेता चिन्हित किए जाएंगे, जहां मिलावट की संभावना अधिक रहती है.

यह भी पढ़ें- Rajasthan State Open School Result: 10वीं-12वीं का परिणाम जारी, एक बार फिर से छात्राओं ने मारी बाजी

वहीं समिति द्वारा अभियान की समीक्षा की जाएगी. नेहरा ने बताया कि दूध, मावा, पनीर, आटा, बेसन, तेल, घी, सूखे मेवे, मसालों के नमूने लेकर लैब में जांच होगी. नेहरा ने बताया कि खाद्य पदार्थ के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाने के बाद रिपोर्ट आती है. इस अभियान में 90 दिन में लंबित मामलों का फैसला होगा. सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद फूड सेफ्टी एक्ट में सब स्टेंडर्ड, मिसब्रांड और अनसेफ के मामलों की जांच के बाद चालान अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत होता है. लंबित प्रकरणों का 90 दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं.

बहरहाल, खाने पीने, मिठाइयों, पेय पदार्थों सहित खाद्य सामग्री शुद्ध और पूरी मिले, इसके लिए सरकार और विभाग प्रयासरत है. साथ ही अभियान के दौरान इनमें मिलावट करने वालों पर भी प्रशासन की पूरी नजर रहेगी.

Trending news