यज्ञ-हवन के दौरान स्वाहा शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है, इसका क्या अर्थ है
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1612379

यज्ञ-हवन के दौरान स्वाहा शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है, इसका क्या अर्थ है

Dharm : हवन के दौरान हवन सामग्री अग्नि को अर्पित करते समय स्वाहा शब्द अनिवार्य होता है. स्वाहा शब्द का उच्चारण नहीं किया तो आहुति व्यर्थ चली जाती है. क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों में स्वाहा बोलना इतना जरूरी...

यज्ञ-हवन के दौरान स्वाहा शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है, इसका क्या अर्थ है

Dharm : हवन के दौरान हवन सामग्री अग्नि को अर्पित करते समय स्वाहा शब्द अनिवार्य होता है. स्वाहा शब्द का उच्चारण नहीं किया तो आहुति व्यर्थ चली जाती है. क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों में स्वाहा बोलना इतना जरूरी क्यों कहा गया है. 

संस्कृत भाषा के शब्द 'स्वाहा' का निर्विवाद अर्थ नहीं हैं लेकिन कुछ लोगों को मानना है कि इसका अर्थ भगवान तक अपना कामना को पहुंचाना है. आपकी पूजा तब तक भगवान के चरणों में नहीं पहुंच सकती है. जब तक आप इस मंत्र का उच्चारण नहीं करेंगे.

पौराणिक कथाओं के अनुसार दक्ष प्रजापति की एक पुत्री का नाम स्वाहा था. जिनका विवाह अग्निदेव से हुआ था. यानि की स्वाहा शब्द का कोई अर्थ नहीं है बल्कि स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री का नाम बताया गया है.

हवन के समय हर एक आहुति को किसी ना किसी देवता को समर्पित किया जाता है. और हवन कुंड में हवन सामग्री और घी अर्पित किया जाता है. इसी प्रक्रिया को आहुति कहा जाता है. इस प्रकार यजमान हवन को जब अग्रि को मंत्र बोलते हुए अर्पित करते हैं तो ये सीधे संबंधित देवता के चरणों तक पहुंचती है.

शास्त्रों के अनुसार अगर स्वाहा शब्द ना बोला जाएं तो वो आहुति अग्नि में ही नष्ट हो जाती है और संबंधित देवता तक नहीं पहुंचने के चलते यज्ञ या हवन का फल तक नहीं मिल पाता है.

इन अक्षरों के नाम वाली लड़कियां होती हैं जुनूनी, भाग्य और मेहनत का मिलता है फल
 

 

Trending news