Jaipur:प्रदेश के सभी 84 विधि महाविद्यालयों को लॉ यूनिवर्सिटी की संबद्धता का कार्य पूर्ण
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1230629

Jaipur:प्रदेश के सभी 84 विधि महाविद्यालयों को लॉ यूनिवर्सिटी की संबद्धता का कार्य पूर्ण

डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले प्रदेश के सभी 84 विधि महाविद्यालयों की संबद्धता का कार्य सत्र प्रारम्भ होने से पहले ही पूर्ण कर मिसाल कायम की है. इस सम्बंध में सभी विधि महाविद्यालयों को समयबद्ध ढंग से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर कालेज आयुक्तालय ने भी सराहनीय कार्य किया है.

सत्र प्रारम्भ होने से पहले ही पूर्ण कर मिसाल कायम की.

Jaipur: डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले प्रदेश के सभी 84 विधि महाविद्यालयों की संबद्धता का कार्य सत्र प्रारम्भ होने से पहले ही पूर्ण कर मिसाल कायम की है. इस सम्बंध में सभी विधि महाविद्यालयों को समयबद्ध ढंग से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर कालेज आयुक्तालय ने भी सराहनीय कार्य किया है.

सामान्यतः विश्वविद्यालयों में महाविद्यालयों की संबद्धता का कार्य पूरे वर्ष चलता रहता है जो किसी भी प्रकार से औचत्यपूर्ण नहीं है तथा ऐसी स्थिति में यह सम्भव ही नहीं है कि अकादमिक अनुशासन कायम हो सके. लेकिन लॉ यूनिवर्सिटी ने स्थिति की गम्भीरता तथा इसकी महत्ता को समझते हुए पिछले तीन माह में प्रत्येक कालेज का निरीक्षण कराकर संबद्धता के कार्य को पूर्ण कर अकादमिक अनुशासन स्थापित करने की पहल की है.

यह विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली का ही परिणाम है कि पिछले 4 महीने में लगभग 40 विधि महाविद्यालयों द्वारा अपने कालेज में नियमित शिक्षकों तथा प्राचार्यों की नियुक्तियां कर कमियों को दूर किया गया है अर्थात् यदि विधि महाविद्यालय चलाना है तो मूलभूत मापदंडों को पूर्ण करना ही होगा ताकि छात्रों को उचित सुविधाएं तथा नियमित शिक्षण मिल सके.

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर देव स्वरूप ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया गया है कि किसी भी स्थिति में कोई भी विधि महाविद्यालय अब बार काउन्सिल द्वारा अनुमोदित सीट संख्या से अधिक प्रवेश नहीं करेगा.

ये भी पढ़ें- Jaipur जरूरतमंदों की सेवा के लिए नए प्रयासों के साथ आगे कदम बढ़ाती सेवा संभव संस्था

 ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षों से पूर्ववर्ती विश्वविद्यालयों से मिलकर कई विधि महाविद्यालय अनिधिकृत रूप काउन्सिल द्वारा अनुमोदित सीट संख्या से अधिक सीटों पर छात्रों को प्रवेश दे रहे थे जिसे नियमानुसार सीमित कर बार काउन्सिल को भी सूचित कर दिया गया है.

अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news