राजस्थान की सीमा पर पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर निगरानी रखने और सुरक्षा व्यसथा को मजबूत करने के लिए सीमा सुरक्षा बल को अब 1 हजार घोड़ों की ताकत वाला धृव हेलीकाप्टर मिल गया है.
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Jaisalmer: राजस्थान की सीमा पर पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर निगरानी रखने और सुरक्षा व्यसथा को मजबूत करने के लिए सीमा सुरक्षा बल को अब 1 हजार घोड़ों की ताकत वाला धृव हेलीकाप्टर मिल गया है.
करीब 11 साल के बाद सीमा सुरक्षा बल के बेड़े में हेलीकाप्टर को शामिल किया गया है. अब BSF की ताकत दुगुनी हो जाएगी. इस एडवांस लाइट हेलीकाप्टर ध्रुव से सीमा सुरक्षा बल को सीमा की रखवाली के साथ-साथ और भी कई आपातकालीन परिस्थितियों में मदद मिल सकेगी. इससे पहले सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान व गुजरात फ़्रंटियर के लिए संयुक्त रूप से चेतक हेलीकाप्टर हुआ करता था, जो साल 2011 में सिरोही जिले के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
करीब 11 साल के इंतजार के बाद भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को नई ताकत दे दी है. ये ध्रुव हेलीकाप्टर जोधपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान फ़्रंटियर हैडक्वार्टर पर रहेगा.
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आपात स्थित में तुरंत सहायता के लिए कारगर
दरअसल सीमा सुरक्षा बल भारत की पहली रक्षा पंक्ति है. भारत-पाकिस्तान की राजस्थान से लगती लंबी और कठिन सीमा पर आपातकालीन परिस्थितियों में ध्रुव हेलीकाप्टर किसी संजीवनी से कम नहीं होगा. किसी भी हादसे के समय सीमा से मुख्यालय लाने में लगने वाली देरी से भी निजात मिलेगी. जवानों व अधिकारियों को एयर अंबुलेंस की सुविधा के साथ-साथ किसी भी आपात स्थिति में सीमा पर तुरंत पहुंचने में भी मदद मिलेगी.
दरअसल, राजस्थान की ज़्यादातर सीमा रेगिस्तानी और बहुत ज्यादा दूर है. मुख्यालय से करीब 150 से 200 किमी का फासला तय करने में BSF को 4 से 6 घंटो का समय लगता है और अगर सड़कों पर आंधीयों आदि से रेत आ जाए तो बहुत मुश्किल हालात पैदा हो जाते हैं. ऐसे में ध्रुव एएलएच हेलीकाप्टर सबसे बड़ा मददगार साबित होगा.
मिसाइल ले जाने में सक्षम है ध्रुव
धृव हेलीकाप्टर अपनी खासियत के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. ध्रुव हैलीकॉप्टर हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया गया है. इसकी अधिकतम गति 280 किमी/घंटा (175 मील प्रति घण्टा, 150 नॉट्स) है. ये मिसाइल के साथ भी काम करते हैं और इससे मिसाइल भी दागी जा सकती है. इसमें 8 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, 4 एयर टु एयर मिसाइल आदि ले जाने की क्षमता है.