Jaisalmer News: कलियुग में कृष्ण के अवतार, सामाजिक समरसता के प्रणेता और करोडों श्रद्धालुओ के आराध्यदेव बाबा रामदेव जी का भादवा मेला कल 5 सितम्बर को भादवा शुक्ला दूज से विधिवत रूप से शुरू होगा. 640वें भादवा मेले के कल दूज को शुभारंभ के अवसर पर बाबा रामदेव जी के समाधि स्थल पर ब्रह्म मुहूर्त में बाबा रामदेव जी के वंशजों, प्रशासन के अधिकारियो और जन प्रतिनिधियों द्वारा पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और मंगला आरती की जाएगी.
मेले होगा आगाज
बाबा रामदेव जी की समाधि पर भोग लगाकर पूजा अर्चना कर देश में खुशहाली की कामना की जाएगी. विधिवत रूप से मेले का आगाज किया जाएगा. इसके बाद सुबह 8 बजे रामदेवजी की समाधि पर स्वर्ण मुकुट स्थापित किया जाएगा. कल भादवा मेले के शुभारंभ के अवसर पर लगभग अनुमानित दो लाख यात्रियों के रामदेवरा पहुंचकर बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शन करने की उम्मीद है.
गूंज रहे जयकारे
भादवा मेले में भाग लेने और दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु हर रोज रामदेवरा पहुंच रहे हैं. जिसके कारण रामदेवरा की तरफ आने वाला हर सड़क मार्ग पैदल यात्रियों से अटा पड़ा है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा रामदेव जी के जयकारे लगाते हुए, हाथों में ध्वजाएं लिए हुए, डीजे की धुनों पर नाचते गाते हुए अपने आराध्यदेव के दरबार में पहुंच रहे है, और शीश नवा रहे हैं. ऐसे में इन दिनों हर दिशा में और रामदेवरा के आसमान के बाबा रामदेव जी के झण्डे ही झण्डे दिख रहे हैं.
15 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बाबा रामदेव समाधि समिति ने पुख्ता प्रबंध किए है. यात्रियों को कम समय में जल्दी दर्शन हो,इसलिए सुबह तीन बजे से रात्रि एक बजे तक लगातार 22 घण्टे तक समाधि के दर्शन हो रहे हैं. इसलिए अलावा समाधि परिसर में अतिरिक्त पुजारी, सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं.
भादवा मेले के दौरान श्रद्धालु अपने साथ बड़े आकार में कपड़े के घोड़े लेके आते है. इन घोड़ो की ऊँचाई क़रीब 7 से 10 फ़िट होती है. घोड़े मेले के दौरान अन्य भक्तों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होते है. बाबा के भक्त पूरे रास्ते इन घोड़ो की पूजा करते है. रामदेवरा में बाबा के भक्त चाँदी, काँच के घोड़ो के साथ जीवित घोड़े भी समाधी पर चढ़ाते है.