पोकरण: ट्रेन की चपेट में आए 12 दुर्लभ गिद्धों की मौत, वन विभाग ने साधी चुप्पी, पशुप्रेमी आक्रोशित
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पोकरण: ट्रेन की चपेट में आए 12 दुर्लभ गिद्धों की मौत, वन विभाग ने साधी चुप्पी, पशुप्रेमी आक्रोशित

Pokaran News: जैसलमेर में पोकरण के लाठी क्षेत्र में ट्रेन की चपेट में आने से दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों  के मौत का मामला एक बार फिर से सामने आया, लेकिन वन विभाग ने इन मौतो पर चुप्पी साध ली है. 

पोकरण: ट्रेन की चपेट में आए 12 दुर्लभ गिद्धों की मौत, वन विभाग ने साधी चुप्पी, पशुप्रेमी आक्रोशित

Pokaran News: जैसलमेर में पोकरण के लाठी क्षेत्र में ट्रेन की चपेट में आने से दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों  के मौत होने का सिलसिला लगातार जारी है. लगातार आए दिन गिध्दो कि मौतों से पक्षी प्रेमियो में भारी आक्रोश व्याप्त है.बावजूद इसके वन विभाग की ओर से उनकी सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं और ना ही वहां पर गश्ती के लिए कार्मिक तैनात की गए हैं. 

शनिवार सुबह भी धोलिया गांव के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक साथ एक दर्जन गिद्धों की दर्दनाक मौत हो गई.एक साथ एक दर्जन दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों की मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. 

रेलवे कार्मिकों की सूचना मिलने पर अखिल भारतीय जीवरक्षा तहसील अध्यक्ष गौरीशंकर पूनिया सहित बड़ी संख्या में आसपास के वन्यजीव प्रेमी और  ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे.उन्होंने इस घटना को लेकर लाठी वनविभाग के कार्मिकों को सूचित किया.सूचना पर लाठी वनविभाग के कार्मिकों ने मौके पर पहुंचकर मृत गिद्धों के शव को अपने कब्जे में लेने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की.

गौरतलब है कि लाठी,धोलिया,खेतोलाई,ओढाणिया,चांधन,सोढाकोर सहित आसपास का क्षेत्र पशु बाहुल्य क्षेत्र है. यंहा के पशुपालकों के पास बड़ी संख्या में गाय,ऊंट,भेड़,बकरियां आदि है. यहां के पशु घास चरने के लिए रेलवे ट्रैक के पास स्थित खाली मैदानों व खेतों में जाते हैं.इस दौरान रेलवे पटरी को पार करते समय कई बार ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती हैं.

बताया जा रहा है कि पशुओं के शव पटरियों के किनारे पड़े रहते हैं. गिद्ध मृत पशुओं को खाने के लिए यहां आते है. जैसे ही यहां से रेल निकलती है,उस वक्त उसकी आवाज सुनकर गिद्ध उडकर भागने का प्रयास करते है. इसी दौरान वे रेल की चपेट में आ जाते है तथा उनकी मौत हो जाती है.

शनिवार को भी धोलिया गांव के पास से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर एक साथ एक दर्जन दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों की‌ ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. इस दौरान यहां से गुजर है रेलवे विभाग के मेट रेवतराम चौधरी ने बड़ी संख्या में गिद्धों की मौत को लेकर अखिल भारतीय जीव रक्षा तहसील अध्यक्ष गौरीशंकर पूनिया को सूचित किया.

सूचना मिलने के बाद अखिल भारतीय जीव रक्षा तहसील अध्यक्ष गौरीशंकर पूनिया,भाजपा युवा मोर्चा जिला मंत्री श्रवन पूनिया मुकेश पूनिया,अभिषेक जाजुदा सहित बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण व वन्यजीव प्रेमी घटनास्थल पर पहुंचे.तथा उन्होंने इस घटना को लेकर लाठी वनविभाग के वनपाल कानसिंह मेड़तिया को सूचित किया. जानकारी  मिलने के बाद लाठी वनविभाग से वनपाल कानसिंह मेड़तिया,भंवरूराम सहित वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे. उन्होंने 1 किलोमीटर के दायरे में बिखरे पड़े मृत दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों के शव को एकत्रित कर आगे कि कार्रवाई शुरू की.

सुरक्षा को लेकर वन विभाग नहीं है गंभीर

अखिल भारतीय जीवरक्षा तहसील अध्यक्ष गौरीशंकर पूनिया ने बताया कि लाठी,धोलिया,भादरिया,गंगाराम कि ढाणी सहित पशु बाहुल्य क्षेत्र है.यहां मृत पशुओं को खाने के लिए बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के गिद्दो ने डेरा डाल रखा है.वहीं इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग की ओर से किसी भी प्रकार के पुख्ता इंतजाम नहीं कर रखे हैं और ना ही गश्ती के लिए कोई कार्मिक तैनात कर रखे हैं ऐसे में आए दिन इनकी मौत हो रही हैं.

 अब तक 20 से अधिक की हो चुकी है मौत 
लाठी से लेकर चाचा गांव के बीच में गिद्धों की प्रजाति अधिक संख्या में है.इसके साथ ही इस रेलवे ट्रैक पर आवारा पशुओं के शव भी पड़े हैं. जिसके कारण खाने की तलाश में गिद्ध इन पशुओं पर बैठ जाते हैं. ट्रेन आने के दौरान भारी पक्षी समय पर उड़ नहीं पाते और ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो जाती है.पिछले एक माह से अब तक ट्रेन की चपेट में आकर गिद्धों के मरने की कुल तीन घटनाएं घटित हो चुकी है.जिसमें 20 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध काल का ग्रास बन चुके हैं.

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