Jaisalner news: जैसलमेर में करीब 10 साल पहले नगर परिषद जैसलमेर ने जवाहर आवासीय कॉलोनी काटकर उसमें 1097 लोगों को भूखंड आवंटित किए थे. दस साल पहले नगर परिषद द्वारा ही काटी गई कॉलोनी में कैचमेंट एरिया का ध्यान नहीं रखा गया.
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Jaisalner news: जैसलमेर में करीब 10 साल पहले नगर परिषद जैसलमेर ने जवाहर आवासीय कॉलोनी काटकर उसमें 1097 लोगों को भूखंड आवंटित किए थे. दस साल पहले नगर परिषद द्वारा ही काटी गई कॉलोनी में कैचमेंट एरिया का ध्यान नहीं रखा गया. जिस पर अब जैसलमेर तहसीलदार निरभाराम कोडेचा द्वारा नगर परिषद आयुक्त को पत्र में नगर परिषद द्वारा जवाहर कॉलोनी में आवंटित किए गए भूखंडों को निरस्त कर व निर्माण कार्यों को ध्वस्त करने की बात कही गई है.
जैसलमेर तहसीलदार ने शिकायत के आधार पर खसरा नंबर 36 व 45 की मौका रिपोर्ट पटवारी से करवाई गई. इसमें तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर नगर परिषद आयुक्त को डेडानसर तालाब के कैचमेंट एरिया में भूखंड आवंटन व उन भूखंडों पर मकान निर्माण की बात कही गई है. खसरा नंबर 45 से लगते खसरा नंबर 36 में 5-7 मकान व एक अस्पताल निर्माणाधीन है. 10 साल पहले नगर परिषद द्वारा जब कॉलोनी काटी गई तो उस समय कैचमेंट एरिया या अन्य सभी बातों का ध्यान क्यो नहीं रखा गया.
अब जब 10 साल बीतने के बाद लोगों द्वारा वहां लाखों रुपए खर्च कर अपने मकानों का निर्माण करवा लिया गया है, उसके बाद कैचमेंट एरिया की बात कहकर मकानों को ध्वस्त करने की बात की जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में जिन लोगों के भूखंड कैचमेंट एरिया में आ रहे हैं, उनका क्या दोष है. जैसलमेर तहसील कार्यालय में एक शिकायत के आधार पर पटवारी के माध्यम से तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करवाई गई है.
इसमें जवाहर कॉलोनी के खसरा नंबर 36 व 45 को डेडानसर तालाब का कैचमेंट एरिया है. इन दो खसरों में भी खसरा नंबर 36 में 104.05 बीघा तथा खसरा नंबर 45 में 70.09 बीघा कैचमेंट एरिया है. तहसीलदार के पत्र में इन दो खसरों में 7 मकान व एक अस्पताल निर्माणाधीन होने की बात कही है. इन दो खसरों में भूखंडों को निरस्त करने तथा बने हुए मकान व अस्पताल को ध्वस्त करने के बारे में आयुक्त को लिखा है.
जहां लोगों ने जहां मकानों का भी निर्माण कर दिया है. उन्हें ध्वस्त करने की बात कही जा रही है. जबकि सबसे बड़ी बात तो यही है कि नगर परिषद द्वारा ही इस जगह लॉटरी के माध्यम से जमीन आवंटित की गई है. जिसकी नजूलदर व उसके बाद लीज सहित अन्य पूरी कार्रवाई भूखंड मालिक द्वारा पूरी कर दी गई है. सब कुछ सरकारी प्रक्रिया के अधीन होने के बाद अब बने बनाए मकानों को ध्वस्त करने की बात करने से मकान मालिकों में भय की स्थिति पैदा हो गई है.
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