Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर जिले में ओरण बचाओ टीम के बैनर तले पर्यावरण प्रेमी रविवार से जैसलमेर कलेक्टर ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं. आज इसी कड़ी में जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.
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Rajasthan News: जैसलमेर के पर्यावरण प्रेमियों ने चार दिन के धरने के बाद आज कलेक्टर को ज्ञापन देकर ओरण को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज कवाने की मांग की. ओरण टीम ने ज्ञापन देकर बताया कि अगर उनकी ओरण बचाओ टीम की मांगे नहीं मानी गई, तो आने वाले लोकसभा चुनाव में वे वोटों का बहिष्कार करेंगे. गौरतलब है कि ओरण की जमीन को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए पर्यावरण प्रेमी रविवार से जैसलमेर कलेक्टर ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं. ओरण बचाओ टीम के बैनर तले 4 दिन के लिए सांकेतिक धरने के बाद आज कलेक्टर को ज्ञापन देकर वोटों के बहिष्कार की चेतावनी दी गई.
ओरण भूमि को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग
पर्यावरण प्रेमी व ओरण बचाओ टीम के सुमेर सिंह सांवता ने बताया कि जिले की सभी ओरण भूमि को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाए, ताकि इन जमीनों का कोई दुरुपयोग नहीं हो. सुमेर सिंह ने बताया कि जिले में टीम ओरण बचाने के लिए लगातार काम कर रही है. धार्मिक स्थलों की जमीन को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. टीम का कहना है कि सरकार जैसलमेर जिले की ओरण की जमीनों को निजी कंपनियों को सौंप रही है, जिससे वनस्पति और पेड़ पौधे खतरे में आ गए हैं.
लोकसभा चुनाव में वोटों का बहिष्कार करने की चेतावनी
सुमेर सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने जिन जमीनों को धार्मिक स्थलों के ओरण के नाम से छोड़ दिया था. वहां वे एक तिनका भी तोड़ना पाप समझते हैं. मगर सरकार की गलतियों की वजह से ये ओरण की जमीन सरकार के रेवेन्यू रिकॉर्ड में ओरण के नाम से दर्ज नहीं हो पाई. अब लगातार निजी कंपनियों को ये जमीन अलॉट की जा रही हैं जो सरासर गलत है. इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. साथ ही जीव जंतुओं को भी नुकसान हो रहा है. हम सबकी धार्मिक भावनाएं ओरण से जुड़ी है. ऐसे में हम चाहते हैं कि इन जमीनों को सरकार अपने रेवेन्यू रिकॉर्ड में ओरण के नाम से ही दर्ज करवाए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम सब लोकसभा चुनाव में वोटों का बहिष्कार करेंगे.
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