Pokaran: पहले मां, फिर पिता का उठा साया, बेसहारा हो गए 6 भाई-बहन
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Pokaran: पहले मां, फिर पिता का उठा साया, बेसहारा हो गए 6 भाई-बहन

Pokaran, Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के फलसूण्ड क्षेत्र में एक परिवारे के 6 बच्चों के सिर से पहले मां और अब पिता के चले जाने बाद वे अनाथ हो गए हैं. साथ हीं, अब बच्चों के समक्ष पढ़ाई के साथ दो रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. 

Pokaran: पहले मां, फिर पिता का उठा साया, बेसहारा हो गए 6 भाई-बहन

Pokaran, Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के फलसूण्ड क्षेत्र में एक परिवार के सिर से मां के बाद पिता का साया उठ जाने और पढ़ने की उम्र में जब घर की जिम्मेवारी आ जाए तो बच्चों पर क्या बीतती होगी. कल तक 6 भाई-बहन अच्छी पढ़ाई कर कुछ बनने का सपना संजोए थे, लेकिन मुकद्दर को कुछ ओर ही मंजूर था. एक वर्ष पूर्व दुर्घटना में मां की मौत के बाद गत दिनों हमले और मारपीट में पिता की मौत के बाद बच्चों की आंखों में आंसू सूख चुके हैं. 

गौरतलब है कि स्वामीजी की ढाणी ग्राम पंचायत के कराडा गांव निवासी मेराबखां की पत्नी की मौत एक साल पहले पूर्व सड़क दुर्घटना में हो गई थी. गत दिनों मारपीट और हमले में मेराबखां ने दम तोड़ दिया. मेराबखां की 6 संताने हैं. सबसे बड़ी बिस्मिला, इसके बाद शकीना, वीरी, मदीना, जाकूब व अहसान है. माता-पिता की मौत के बाद उनके समक्ष पढ़ाई के साथ अपने पालन पोषण की जिम्मेवारी भी आ गई है. अच्छी पढ़ाई का सपना टूट जाने पर इन 6 मासूम बच्चों पर ऐसा दु:ख टूटा है कि हर कोई उनके लिए दुआ और प्रार्थना कर रहा है. 

मां के गम से उभरे ही नहीं कि चल बसे पिता
कराडा निवासी मेराबखां की पत्नी की मौत वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटना में हो गई थी. मासूम बच्चों के सिर से मां का साया उठ जाने के बाद उनकी आंखों के आंसू थमे ही नहीं थे कि 16 फरवरी को आपसी विवाद में हुए हमले व मारपीट में मेराबखां की मौत हो गई. परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण मेराबखां मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण एवं बच्चों की पढ़ाई करवाता था. अब बच्चों के समक्ष पढ़ाई के साथ दो रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. 

मदद को उठ रहे हाथ
कराडा निवासी मेराबखां की मौत के बाद बच्चों के पालन पोषण एवं पढ़ाई को लेकर अब कुछ समाजसेवी व ग्रामीण आगे आने लगे हैं. वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया गया है, जिसके माध्यम से सहयोग राशि एकत्रित की जा रही है. बड़ी संख्या में लोग ग्रुप के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में राशि जमा करवा रहे हैं. 

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