राजस्थान के 50 गांवों का मतदान बहिष्कार का ऐलान, इस बड़ी मांग से जुड़ा है मामला
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राजस्थान के 50 गांवों का मतदान बहिष्कार का ऐलान, इस बड़ी मांग से जुड़ा है मामला

Rajasthan Election News: पचास गांवों के लोग करेंगे मतदान का बहिष्कार, रोजगार नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाकर किया रोष प्रकट, ढुलाई दर बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले 75 दिनों से चल रही ट्रक यूनियन की हड़ताल को मिला 50 गांवों का समर्थन, धरना स्थल पर जुटे सैंकड़ों लोग

 

 

राजस्थान के 50 गांवों का मतदान बहिष्कार का ऐलान, इस बड़ी मांग से जुड़ा है मामला

Rajasthan Election News: जैसलमेर के रामगढ़ के निकट स्थित आरएसएमएम के सामने ढुलाई दर बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले 75 दिनों से चल रही हड़ताल को क्षेत्र के 50 गांवों का समर्थन मिला है. धरना स्थल पर जुटे क्षेत्र के 50 गांवों के मौजिज लोगों ने ट्रक मालिकों की वाजिब मांग को नहीं मानने पर आगामी विधानसभा चुनाव में सर्वसम्मति से वोट नहीं करने का निर्णय लिया और उसका रामगढ़ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. क्षेत्र वासियों का कहना है कि जब रोजगार ही नहीं बचेगा तो वोट देकर क्या करेंगे. लोगों ने धरना स्थल पर रोजगार नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाकर रोष प्रकट किया.

ट्रक मालिकों का कहना है कि ट्रक मालिक पिछले 75 दिन से अपनी दो जून की रोजी-रोटी के लिए संघर्षरत हैं. उनके रोजगार को प्रशासन खुले आम तानाशाही रवैया अपनाकर छीन रहा है. लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रशासन द्वारा ठेंगा दिखाकर एक ठेकेदार के इशारे पर आम ट्रक संचालकों के साथ अन्याय एवं शोषण किया जा रहा है. 400 ट्रकों के पहिए थमे हुए है और उनके घरों में राशन खत्म हो रहा है. गरीब ट्रक मालिकों ने अब विधानसभा सभा चुनाव में वोट नहीं करने का निर्णय लिया है. जबकि चुनाव आयोग व प्रशासन का प्रयास रहता कि शत प्रतिशत मतदान हो. ऐसे में क्षेत्र के लोगों की मतदान बहिष्कार की चेतावनी ने प्रशासन के कानों को खड़ा जरूर कर दिया है.

जिले में रोजगार की दिशा व दशा तय करेगा ट्रक यूनियन का धरना

रोजगार बचाने के लिए पिछले 75 दिनों से लोकतांत्रिक तरीके से ट्रक मालिक धरना देकर संघर्ष कर रहे है परंतु किसी भी जिला अधिकारी ने धरनार्थियों से एक बार भी वार्ता नहीं की है. क्षेत्र में खनिज पदार्थों के साथ साथ सालर प्लांट आदि की बहुत संभावनाएं हैं. ट्रक मालिकों का कहना है कि जिले में निजी कंपनियों व बाहरी ठेकेदारों की हठधर्मिता व तानाशाही रोकने लिए जिले वासियों को अभी से ही कमर कसनी होगी. अपने रोजगार व अपनी भावी पीढ़ी को सुनहरा भविष्य देने के आज संघर्ष जरूरी है.

भविष्य में आने वाली कंपनियों के पास उदाहरण सेट हो जाएगा कि पहले भी कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा. इसलिए जिले वासियों को इस धरने का बेहतर उपयोग करके इसका ठोस नतीजा निकालना पूरे जिले के लिए फायदेमंद होगा. ठोस नतीजे से ही भविष्य में आने वाली कंपनियों में भय रहेगा. जिले वासी आज नहीं जागे तो आने वाले समय में स्थानीय लोगों के साथ घोर अन्याय होगा व शोषण होगा. कंपनियों की मनमानी सिर चढ़कर कर बोलेगी आमजन की आवाज को प्रशासन के सहारे कुचल दिया जाएगा. इस धरने के नतीजे से ही भविष्य में रोजगार के मार्ग खुलेंगे.

सत्ताधारी नेताओं की अनदेखी से पनप रहा रोष

वाजिब मांग को लेकर पिछले 75 दिनों से ट्रक यूनियन हड़ताल से सत्ताधारी नेताओं द्वारा बनाई गई की दूरी के कारण धरनार्थियों में रोष पनप रहा है. वहीं विपक्ष के नेता लगातार धरना स्थल पर पहुंच कर उनका हौंसला बढ़ा रहे है. शुक्रवार को धरना स्थल पर जुटे क्षेत्र के पचास गांवों के मौजिज लोगों ने रोजगार नहीं वोट नहीं का नारा बुलंद किया. इस दौरान ट्रक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कंवराजसिंह जाम, अध्यक्ष विरेन्द्रसिंह, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, पवनकुमार सिंह, सवाईसिंह, हुकमाराम, कंवराजसिंह चौहान, नखतसिंह, कानसिंह, बचलखान आदि उपस्थित रहे.

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