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Jaisalmer: जैसलमेर की पोकरण विधानसभा के लाठी कस्बे में प्रशासन ने मरीजों को इलाज के दौरान भटकने से बचाने के लिए सरकारी अस्पताल बना दिया. इतना ही नहीं अस्पताल को राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा भी दे दिया गया, जिससे क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए दर दर भटकना ना पड़े, लेकिन अस्पताल और प्रशासन की ढ़िलाई के कारण यह बदलाव सिर्फ कागजों तक ही सिमट तक रह गया. जिससे अब तक अस्पताल में सुविधाओं का टोटा है, जिसके चलते मरीजों को हर तरफ असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.गौरतलब है कि लाठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाठी क्षेत्र का सबसे बड़ा चिकित्सालय है, जहां एक दर्जन से अधिक गांवो के लोग अस्पताल में इलाज कराने आते हैं, लेकिन सुविधाओं में कमी और कर्मचारियों के खाली पद के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बता दें कि यहां लंबे समय से द्वितीय ग्रेड फिमेल नर्स का पद खाली पड़ा है, जिसके कारण महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लाठी क्षेत्र में कहीं पर भी नजदीक अस्पताल नहीं होने के कारण सर्वाधिक प्रसव यहीं होते है, लेकिन यहां उचित सुविधाएं नहीं होने के कारण महिलाओं को प्रसव के दौरान जरा सी परेशानी आने पर जैसलमेर या पोकरण रैफर कर दिया जाता है. आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़ा चिकित्सालय नहीं होने के कारण सभी मरीज उपचार करवाने के लिए लाठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही आते हैं. इस दौरान यहां पर द्वितीय ग्रेड फिमेल नर्स का पद रिक्त होने के कारण आने वाली महिला मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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