जालोर: जैन दादावाड़ी मंदिर पर भूमाफिया द्वारा कब्जे का आरोप, ट्रस्टी ने की कार्रवाई की मांग
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जालोर: जैन दादावाड़ी मंदिर पर भूमाफिया द्वारा कब्जे का आरोप, ट्रस्टी ने की कार्रवाई की मांग

जैन मंदिर को भूमाफियाओं द्वारा हथियाने का प्रयास के प्रकरण में पुलिस से न्याय की गुहार की है. 

मंदिर पर भूमाफिया द्वारा कब्जे का आरोप

Jalore: आहोर कस्बे में जिंनदत सुरी दादाबाड़ी के मुख्य ट्रस्टी पदमा मोतीलाल गांदिया और मीनल कुमार पुत्र मोतीलाल गादिया ने दादावाड़ी स्थित जैन मंदिर को भूमाफियाओं द्वारा हथियाने का प्रयास के प्रकरण में पुलिस से न्याय की गुहार की है. पदमा गादिया ने बताया कि उनके ससुर की ओर से करीब 50 वर्ष पूर्व आहोर में यह मंदिर बनाया गया था, जिसकी देखभाल भी उनके ससुर और बाद में उनके पति मोतीलाल गादिया की ओर से किया जा रहा था.

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उन्होंने बताया कि 1 मई की शाम को लॉकडाउन सहित 3 साल का हिसाब मांगने पर लालचंद ने संतोषजनक जवाब नहीं देकर कहा कि यह दादावाड़ी आपकी नहीं है और उनको कोई हिसाब देने से इंकार कर दिया, इसके बाद उन्होंने जुलाई में वापस आने की बात कहते हुए हिसाब तैयार रखने के लिए लालचंद को कहा और पुणे (महाराष्ट्र) निकल गए पुणे पहुंचने से पहले ही नए पुजारी अरविंद ने बताया कि लालचंद ने पुराने पुजारी कांतिलाल को वापस रख लिया है जिस पर पदमा गादिया और उनके पुत्र ने नाराजगी जताई इसके बाद पदमा ने लालचंद और कांतिलाल दोनों को फोन पर काम से निकालने की बात कही और उनके खिलाफ थाने में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई. 

पुलिस के दादावाड़ी पहुंचने से पहले ही यह दोनों वहां से फरार हो गए, इसके बाद भी लालचंद दुकानदारों को किराए के लिए धमकाने लगा उन्होंने पुजारी अरविंद को भी चोरी का आरोप लगाने की धमकी दी, जिससे डरकर वह मंदिर छोड़कर चला गया इसके बाद लालचंद ने मंदिर की चाबियां कब्जे में लेने के साथ ही मंदिर की दीवारों पर कुछ नाम भी लिखवा दिए. 

पूणे से वापिस जालौर आकर जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर राजस्थान देवस्थान विभाग जोधपुर में रजिस्ट्रेट दादावाड़ी के कागज आदि पेश किए. इस पर एसपी के कहने पर स्वयं पेश होकर आहोर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया करीब 10 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने फिर एसपी से मुलाकात की जिस पर उन्होंने भाद्राजून पुलिस को इस केस की जांच रिपोर्ट सौंपी, लेकिन फिर भी कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में नहीं तो कब्जा करने की नियत से लालचंद की कोई गिरफ्तारी हुई है और ना ही इन्हें मंदिर की चाबियां सौंपी गई है 70 वर्षीय पदमा न्याय के लिए पुलिस थाने ऑफिस में चक्कर काट रही है. आहोर कस्बे में पहले भी भू-माफियाओं द्वारा कई अवैध कब्जे किए हुए है. पुलिस और प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं होने से भू-माफियाओं के हौसले बुलंद है.

Reporter: Dungar Singh

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