Jalore: विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला कलेक्टर की अनूठी पहल
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Jalore: विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला कलेक्टर की अनूठी पहल

Jalore news: विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान स्वीप गतिविधियों के तहत मतदान कुंकुम पत्रिका बना कर मतदाताओं से शत-प्रतिशत मतदान की अपील की गई.25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जालोर जिला कलेक्टर ने अनूठी पहल की है.

 निशान्त जैन की अनूठी पहल

Jalore news: विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान स्वीप गतिविधियों के तहत मतदान कुंकुम पत्रिका बना कर मतदाताओं से शत-प्रतिशत मतदान की अपील की गई. जिले से बाहर दक्षिण भारत रहने वाले प्रवासी व्यवसाइयों को मतदान को प्रेरित करने के लिए कुमकुम पत्रिका डिजाइन की गई है. 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जालोर जिला कलेक्टर ने अनूठी पहल की है.

मतदान को प्रेरित करने के लिए कुमकुम पत्रिका 
 जालोर कलेक्टर डॉ. निशान्त जैन ने प्रवासी व्यवसाइयों को मतदान को प्रेरित करने के लिए कुमकुम पत्रिका डिजाइन की है. यह पत्रिका प्रवासी मतदाताओं को डिजिटल माध्यम से प्रेषित कर उन्हें मतदान में अधिक से अधिक सहभागिता निभाने का आह्वान किया जा रहा है. जिस प्रकार से विवाह की पत्रिकाएं प्रकाशित की जाती है, ठीक उसी पैटर्न में यह पत्रिका डिजाइन की गई है.

देव उठनी एकादशी पर हजारों शादियां 
 23 नवंबर को राजस्थान में देव उठनी एकादशी 2023 को हजारों शादियां हो रही है. जिले में इस मुहुर्त को अबूझ सावा माना जाता है और बड़ी संख्या में शादियां होती है. जिला कलेक्टर निशान्त जैन भी इससे वाकिफ है और इसिलिए इस मौके को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.

मतदान में पूर्ण सहभागिता नहीं होने से पिछे 
 जिले से करीब डेढ़ लाख मतदाता बाहर व्यवसायी है. विशेषकर दक्षिण भारत में व्यवसाय अधिक है. इस कारण मतदान में पूर्ण सहभागिता नहीं होने के कारण जालोर जिला औसत मतदान में राज्य से पीछे रह जाता है. पिछले दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो राजस्थान में वर्ष 2013 में औसत मतदान 74.3 प्रतिशत मतदान और 2018 में 75.1 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि जालोर जिले का औसत कम रह था। जालोर जिले का मतदान 70 प्रतिशत पार नहीं कर पाया. वर्ष 2018 में भी जालोर जिले का मतदान औसत 69.72 फीसदी रहा था.
लिहाजा जिले का औसत मतदान बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में स्वीप टीम की ओर से प्रयास किये जा रहे है. इसी के तहत डिजिटल कुमकुम पत्रिका भेजकर मतदान के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.

तीन विधानसभा क्षेत्रों में अधिक फोकस की जरूरत
जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों में रानीवाड़ा और सांचौर को छोड़कर शेष तीनों क्षेत्रों में राज्य के औसत मतदान से कहीं कम मतदान हुआ था। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में सम्पूर्ण राज्य के 75.1 प्रतिशत मतदान के मुकाबले में सांचौर में 81.39 तथा रानीवाड़ा में 77.73 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो राज्य से अधिक था, लेकिन आहोर में 61.88, जालोर में 61.39 तथा भीनमाल में 66.24 प्रतिशत ही मतदान हुआ था, इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों का मतदान राज्य की तुलना में बहुत कम है. इस कारण जिले का औसत मतदान भी राज्य की तुलना में कम रहा. इसी मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अब निर्वाचन विभाग पहल करने में जुटा हुआ है.

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