जालोर : प्रशासन के खुले खेल का विरोध, पहले अतिक्रमण के नाम घर तोड़े, फिर दूसरों को दे दी जमीन
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जालोर : प्रशासन के खुले खेल का विरोध, पहले अतिक्रमण के नाम घर तोड़े, फिर दूसरों को दे दी जमीन

Jalore News: भाद्राजून तहसील में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण बताकर कई परिवारों के मकान तोड़कर अगले ही दिन 5 लोगों के नाम करने को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय का घेराव कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल और एसपी किरण कंग सिद्धू को ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग की है.

जालोर : प्रशासन के खुले खेल का विरोध, पहले अतिक्रमण के नाम घर तोड़े, फिर दूसरों को दे दी जमीन

Jalore News: जिले की भाद्राजून तहसील में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण बताकर कई परिवारों के मकान तोड़ने और अगले ही दिन वह जमीन 5 लोगों के नाम करने के मामले में लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. इस मामले में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय का घेराव कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल और एसपी किरण कंग सिद्धू को ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही भाद्राजून तहसीलदार, पटवारी और आरआई की मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की.

भगवानदास को जो भूमि आवंटित हुई थी वो भूमि पहले से बेच चुका था
शिवसेना प्रमुख रूपराज पुरोहित ने कहा कि भाद्राजून में भू माफियाओं ने जबरदस्ती गरीबों के मकान तोड़कर जमीन पर कब्जा किया हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा की अगर आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो शिवसेना उग्र आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा की भगवानदास को जो भूमि आवंटित हुई थी, वो भूमि पहले से वह बेच चुका था जिसमें उसने खुद ने खसरा नम्बर 52 बताया है तथा दक्षिण दिशा में लाटे की भूमि दर्शायी है जो कि 1353 खसरा नम्बर की भूमि है. जहां पर पुश्तैनी लाटे की भूमि है जो कि दशकों से काश्तकारों ने लाटे की भूमि चारागाह तथा फसलों के रखरखाव के लिए तथा चारों के रखरखाव के लिए रहवास भी बनाए थे.

अतिक्रमण बताकर जो भूमि सरकारी बताई गई वह अगले ही दिन माफिया के इशारे पर 5 लोगों के नाम कर दी
उन्होंने जिन 5 लोगों के नाम जो म्यूटेशन भरा गया है उसको रद्द करने की मांग की मांग करते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की. बता दें की प्रशासन ने 20 जनवरी को अतिक्रमण बताकर कई मकानों को तोड़ा था. भाद्राजून तहसीलदार ने कहा था कि न्यायालय के आदेश पर हटाया गया है. मकानों पर बुलडोजर चलाने के बाद अगले ही दिन कुछ लोगों के नाम म्यूटेशन भर दिया गया. तभी से विवाद बढ़ गया है.

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