28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, श्रम संगठनों की बैठक में लिया गया निर्णय
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28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, श्रम संगठनों की बैठक में लिया गया निर्णय

कन्वेंशन का उद्घाटन कॉमरेड तारासिंह सिंधु ने किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि संघर्ष ने किसानों के तीनों काले कृषि कानूनों को वापिस लेने को मोदी सरकार को मजबूर किया.

28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, श्रम संगठनों की बैठक में लिया गया निर्णय

Jhunjhunu: इसी महीने 28 और 29 मार्च को देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में रविवार को झुंझुनूं के शिक्षक भवन में केंद्रीय श्रम संगठनों एवं केंद्रीय राज्य कर्मचारियों के संगठनों का एक दिवसीय कन्वेंशन आयोजित किया गया.

कन्वेंशन का उद्घाटन कॉमरेड तारासिंह सिंधु ने किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि संघर्ष ने किसानों के तीनों काले कृषि कानूनों को वापिस लेने को मोदी सरकार को मजबूर किया. इसी प्रकार श्रम कानूनों को भी वापिस लेने के लिए 28 और 29 मार्च को विशाल पैमाने पर श्रमिकों की हड़ताल होगी.

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जिसमें बैंक, बीमा, रेल, बीएसएनएल, पोस्टल वर्करों के साथ केंद्र और राज्य कर्मचारी भी भाग लेंगे. कंवेंशन में मूल प्रस्ताव एटक के नेता बिरदूरामराम सैनी ने रखा. जिस पर सीटू के नेता गजराज कटेवा, एक्टू के फूलचंद ढेवा, एचमएस रेलवे के विनोद कुमार, रामचंद्र कुलहरि, फूलचंद बर्बर, नौजवान सभा के अध्यक्ष राजेश बिजारनिया, एसएफआई के पंकज गुर्जर, एटक के सीडी यादव, संयुक्त कर्मचारी महासंघ के दुर्गाराम मोगा, किसान नेता सुमेर बुडानिया, मदन यादव, रमेश मील, बाबूलाल सैनी, ओमप्रकाश, लालाराम, हरिराम, तेजाराम, गंगासहाय, राकेश पूनिया ने विचार व्यक्त किए .अध्यक्षता रमेश मील, फूलचंद ढेवा, दुर्गाराम मोगा, राजेंद्र जानूं, धर्मवीर पिलानिया ने की. महेंद्र चौमाल, चरणसिंह पूनियां, जयसिंह, हरिसिंह चौधरी, महावीर, योगेश कटारिया, सुभाष बाबल और अरविंद गढ़वाल उपस्थित रहे.

Report-Sandeep Kedia

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