Right to Health: राइट टू हेल्थ का विरोध राजस्थान में जारी है, आज उसीक्रम में झुंझुनूं में भी इसका विरोध देखा गया है. जहां निजि हॉस्पिटल्स के संचालकों ने ओपीडी और एमरजेंसी सेवाएं बंद रखीं. आखिर पूरे राजस्थान डॉक्टर्स और उनके संस्थान इसका विरोध क्यों कर रहे हैं.
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Right to Health: राइट टू हेल्थ को लेकर विवाद हर दिन बढ़ता जा रहा है. झुंझुनूं में प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ लागू करने जा रही है. सरकार के इस फैसले का डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं.
आज झुंझुनू में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में विभिन्न चिकित्सा संगठनों के आह्वान पर निजी अस्पताल की ओपीडी बंद है, और डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर है. वहीं, एमरजेंसी सेवाएं भी बंद है. केवल जान बचाने के लिए ही एमरजेंसी सेवाओं को चालू किया हुआ है.
चिकित्सा संगठन के प्रतिनिधि डॉ. पीएल काजला व डॉ. लालचंद ढाका ने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल में खामियां हैं, सरकार द्वारा जिस तरीके से बिल लाया जा रहा है. उसका तरीका गलत है. सरकार निजी अस्पतालों पर यह बिल थोपना चाहती है.
इसी को लेकर आज चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर है. उन्होंने कहा कि राज्य में 70% चिकित्सा व्यवस्था निजी अस्पतालों के भरोसे हैं. ऐसे में सरकार को हर तरीके से देखते हुए इस बिल की खामियों को दूर कर विभिन्न चिकित्सा संगठनों से वार्ता कर इसे लागू करना चाहिए.