जाटावास कस्बे में पेयजल योजना के तहत वर्ष 2015-16 में करीब दस लाख लीटर पानी की क्षमता के निर्माण कराए गए उच्च जलाशय में अभी पानी भी नहीं पहुंच रहा है. इधर जानकारों की मानें तो एसआर में पानी पहुंच नहीं पहुंचने में अवैध कनेक्शन रोड़ा बने हुए हैं.
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Lohawat: लोहावट क्षेत्र में पीलवा-सदरी-जंभेश्वरनगर पेयजल योजना में वर्ष 2018 में जलापूर्ति शुरू होने के साथ विशनावास और जाटावास कस्बे में लोगों को पेयजल संकट से निजात मिलने की उम्मीद जगी लेकिन अब योजना नाम मात्र की बनकर रह गई है हालांकि शुरुआती दौर में नियमित जलापूर्ति हुई लेकिन धीरे-धीरे पानी की आवक कम होती गई.
अब पिछले करीब 1 साल से जाटावास में योजना के तहत बना उच्च जलाशय अब शोपीस बनकर रह गया है. वर्तमान में पेयजल योजना के तहत कस्बों में सप्लाई नहीं होने से लोगों को निराशा हो रही है.
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जाटावास कस्बे में पेयजल योजना के तहत वर्ष 2015-16 में करीब दस लाख लीटर पानी की क्षमता के निर्माण कराए गए उच्च जलाशय में अभी पानी भी नहीं पहुंच रहा है. इधर जानकारों की मानें तो एसआर में पानी पहुंच नहीं पहुंचने में अवैध कनेक्शन रोड़ा बने हुए हैं. इससे भीषण गर्मी के मौसम में नहरी पानी की सप्लाई नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, जलदाय विभाग द्वारा कस्बे में नलकूपों से की जा रही पानी की सप्लाई कस्बे की आबादी को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.
यह बनी थी योजना
जाटावास में एसआर बनवाने के साथ दोनों कस्बों में नहरी पानी की सीधी सप्लाई देने की योजना बनाई गई. इसमें वर्ष 2018 में पानी सप्लाई शुरू की गई. शुरुआती दिनों में कस्बे में पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच रहा था लेकिन धीरे-धीरे पानी की आवक लगभग बंद सी हो गई. वहीं, विशनावास कस्बे में वहां के जलदाय विभाग के कार्यालय में बने एसआर के लिए 6 इंच की पाइप लाइन से जोड़ दिया गया. एसएसआर की खुद की क्षमता मात्र एक लाख लीटर की है.
नहर की जगह नलकूप बने सहारा
लोहावट विशनावास कस्बे में कई मोहल्लों में योजना के तहत पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन देकर वर्ष 2018 में जलापूर्ति शुरू की गई लेकिन नहरी पानी की आवक नहीं होने पर जलदाय विभाग के सामने भी जलापूर्ति करने की समस्या खड़ी हो गई. अब विभाग के द्वारा कार्यालय में खुद हुए नलकूपों से ही एसआर और जीएलआर को भरकर योजना के तहत बिछी लाइनों में ब्लॉक वार एकांतरे पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है. इसमें भी पानी अपर्याप्त मात्रा में पहुंच रहा है, जिसके चलते इस भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल को लेकर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, लोहावट के जाटावास में 3 नलकूपों से घरों में सीधे ही सप्लाई होती है.
जलापूर्ति के दौरान बिजली के चले जाने से वहां पर सप्लाई ठप हो जाती है. इधर जाटावास में पेयजल योजना के तहत बनी है. एसआर का भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं, इस बारे में जब पीएचडी परियोजना के एक्सईएन रविंद्र चौधरी से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि पानी की बढ़ोतरी करने के लिए अवैध कनेक्शन को हटाने का अभियान चलाया जाएगा.