जोधपुर के किसान खेती में ये तकनीक अपनाकर 3 साल में कमा रहे 15 लाख रुपये
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1461401

जोधपुर के किसान खेती में ये तकनीक अपनाकर 3 साल में कमा रहे 15 लाख रुपये

Jodhpur News: जोधपुर जिले के किसान अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खेती में नवाचार को अपना कर अच्छी आमदनी ले रहे हैं. 

 

जोधपुर के किसान खेती में ये तकनीक अपनाकर 3 साल में कमा रहे 15 लाख रुपये

Jodhpur News: नीचे जाता भूजल स्तर कम होती जोत अब किसानों के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में किसानों की आय कैसे बढ़े, इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी किसानों से खेती में नवाचार और बूंद-बूंद सिंचाई को लेकर उन्हें प्रोत्साहन देने में लगी हैं. 

इस बीच पश्चिमी राजस्थान खासकर जोधपुर जिले के किसान अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खेती में नवाचार को अपना कर अच्छी आमदनी ले रहे हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया जोधपुर जिले के पालड़ी राणावता गांव निवासी किसान सीताराम सेंगवा ने. 

जोधपुर जिले के भोपालगढ़ इलाके के गांव पालड़ी राणावता के प्रगतिशील किसान सीताराम सेगवां ने एक किसान समूह तैयार कर खेती मे नवाचार अपनाकर खेती नगदी आय का लाभ प्राप्त किया. 

प्रगतिशील किसान सीताराम सेगवां ने नाबार्ड वित्तीय सहायता और काजरी जोधपुर के साथ कृषि-उद्यान विभाग से पौधे तैयार करने, मशाला खेती की उन्नत तकनीकी से खेती आय का लाभ कैसे मिले इसके लिए खेत मे पौधशाला तैयार करवाई. 

कृषि-उद्यान विभाग से विभिन्न प्रकार की कृषि उन्नत तकनीकी का लाभ लेते हुए सबसे पहले खेत में चार हेक्टर में ड्रिप इरीगेंशन सिस्टम को अपनाया ताकि खेती सिचांई जल की बचत हो. तीन वर्ष पहले केवल 12×8 मीटर की पौधशाला शैडनेट नार्बाड से वित्तीय सहायता से खेत में एक किसान समूह तैयार कर स्थापित किया था. उद्यानिकी विभाग एवं काजरी से उन्नत तकनीक से पौधे तैयार करने की तकनीकी का प्रशिक्षण लेकर एक छोटी सी शुरुआत की. 

आज यह किसान विभिन्न प्रकार के फलदार, वांनिकी एवं सब्जियों की पौध तैयार कर रहा है, बल्कि पौधशाला से पिछले तीन वर्ष में इस नर्सरी से 15 लाख की आमदनी ली.  काजरी से उन्नत तकनीकी से देशी खेजड़ी से कलम द्धारा थारशोभा खेजड़ी तैयार की. अब तक 15 लाख के पौधे किसान भाइयों में बिक्री किए. थारशोभा खेजड़ी की खासियत है कि इसमे कांटे नहीं होते हैं. दूसरे साल में ही अच्छी सांगरी का उत्पादन होता है. पशुचारा (लूंग) का अच्छा उत्पादन मिलता है. 

यह तकनीक काजरी से सीखने के बाद इसके साथ फलदार पौधों में नींबू, गुंदा, आंवला, ताइवान, पपीता, बेर, वांनिकी के तहत पौधों में रोहिडा, शीशम ,नीम, अमलतास एवं सब्जी में टमाटर व गोभी के पौध तैयार कर रहा है. पौधशाला को उद्यान विभाग जोधपुर से रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया. 

पौधशाला के साथ- साथ खरीफ व रबी मे सभी फसलों बुवाई कर उत्पादन भी ले रहा है. काजरी एवं कृषि-आत्मा विभाग से प्रगतिशील किसान के रूप मे उसे पुरस्कार सम्मान भी मिला. अब यह किसान इलाके के दूसरे किसानों को भी खेती में नवाचार बागवानी अपनाने के लिए जागरूक कर रहा है, ताकि किसान परंपरगत खेती को छोड़ नवाचार अपना कर अच्छी आमदनी ले सके. दूसरे किसान भी इस किसान से प्रेरित होकर खेती करने लगे हैं. 

Reporter- Bhawani Bhati

Trending news