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जोधपुर: संयुक्त निदेशक उद्यान खंड जोधपुर इन्द्रसिंह संचेती ने साथीन मे नव निर्मित सामुदायिक फार्म पौण्ड का निरीक्षण के दौरान उपस्थित किसानों से कहा कि आज खेतीं सिचाई जल संरक्षण के लिए सामुदायिक फार्म पौण्ड उपयोगी योजना है. इसमें बरसात का जल खेतों से बहकर अन्यत्र बहकर चला जाता है उस जल को सामुदायिक फार्म पौण्ड में जल संग्रहण का फायदा होता है. बागवनी, मशाला खेतीं में इसका कुशलतम उपयोग कर खेतीं आय का वांछित लाभ प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे सामुदायिक फार्म पौण्ड पर सुक्ष्म सिचांई संसाधनों का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के फलदार बगीचे स्थापित का भी फायदा होगा.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में वर्षा जल संचय की उपयोगी योजना सामुदायिक फार्म पौण्ड के बारे में विस्तार से जानकारी का लाभ मिला.उद्यान अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी ने बताया की इस योजना पर देय है अनुदान. हमने सोचा बरसात का पानी व्यर्थ बह कर फालतू चला जाता है उसको खेत में किस प्रकार से संचय करे तो फार्म पौण्ड योजना उपयोगी लगी. हमने सोचा बरसात का जल अपने खेतों में ही रोक कर उस जल का सिचांई के लिए सदुपयोग कर खेती उत्पादन का लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं. उद्यान विभाग में सामुदायिक फार्म पौण्ड के लिए आवेदन किया.
ड्रिप इरीगेंशन सिस्टम से होगा फायदा
पत्रावली पारित की सूचना मिलने पर हमने सामुदायिक पौण्ड का निर्माण कराया. इस बार पहली ही अच्छी बरसात होने से सामुदायिक फार्म पौण्ड लबालब भर गया. खरीफ की फसलों के साथ-साथ रबी फसलों में भी सिचांई जल का कुशलतम उपयोग से लाभ होगा. बरसात का अमृत जल को संचय के लिए सामुदायिक फार्म पौण्ड योजना हमारे लिए उपयोगी साबित होने जा रही है. इस संचय जल से रबी फसल उत्पादन का भी लाभ होगा. रबी मौसम में अनुमानित 35 से 40बीघा मे रबी फसलों को फव्वारा -ड्रीप विधि से सिचांई की जा सकेगी. सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि खेतों में बरसात का पानी खेतों में भराव से खरीफ की फसल में नुकसान होता था.
वहीं, पानी खेतों में बहकर बेकार भी चला जाता था. आज उस पानी को निर्मित सामुदायिक फार्म पौण्ड में संचय करने का लाभ होगा. खेतों में व्यर्थ बरसात पानी बहकर अन्यत्र चला जाता उसको खेत में रोककर उसका कुशलतम सदुपयोग किया जा रहा है. साथ ही बागवानी खेती की और रूख कर रहे हैं ताकी वर्षा का अमृत जल से बागवानी का भी लाभ होगा. ड्रिप इरीगेंशन सिस्टम से जल का कुशलतम उपयोग होगा और बचत जल से सिचिंत क्षेत्र में वृद्धि का फायदा होगा. कृषि उद्यान विभाग की वर्षा जल संचय योजना एक वरदान से कम नही है.
उपनिदेशक उद्यान जयनारायण स्वामी ने कहा कि वर्षा जल संचय के लिए उपयोगी है. सामुदायिक फार्म पौण्ड व खेत तलाई योजना बरसात का जल खेतों से बहकर अन्यत्र व्यर्थ बहकर चला जाता है. इन योजनाओं में लाभान्वित होकर वर्षा जल का फार्म पौण्ड में संचय कर खेती सिचांई में कुशलतम उपयोग किया जा सकता है. वैसे ही भूमिगत जल गहराई मे जाना-जल बचत के लिए वर्षा जल की बचत आज की आवश्यकता है. अधिक से अधिक सामुदायिक फार्म पौण्ड को प्राथमिकता देनी चाहिए.
ये लोग रहे मौजूद
इन योजनाओं पर कृषि एवं उद्यान विभाग से अनुदान भी मिलता है.खेतीं में सिचांई जल बचत के आधुनिक संसाधनों के उपयोग लिए किसान फव्वारा, मिनि फव्वारा, बूंद बूंद सिचांई पद्धति में किसान ऑनलाइन आवेदन कर लाभान्वित हो सकते हैं. सुक्ष्म सिचांई योजना पर भी अनुदान देय है. इस मौके पर कृषि अधिकारी उद्यान घनश्यामसिंह चारण,सहायक कृषि अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी,कृषि पर्यवेक्षक अकबर बोरून्दिया,प्रगतिशील किसान चेनसिंह राठौड़ सहित किसान मौजूद थे.
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