शादी के लिए लड़कियों की उम्र 21 करने संबंधी बिल पर बाल विवाह वाले क्षेत्र से आया ये रिएक्शन
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शादी के लिए लड़कियों की उम्र 21 करने संबंधी बिल पर बाल विवाह वाले क्षेत्र से आया ये रिएक्शन

राजस्थान के जिस हिस्से में बहुतायत में लड़कियों की बेहद कम उम्र में हाथ पीले कर देने की कुप्रथा है वहां से केंद्र सरकार के नए बिल को लेकर लोगों में उत्साह है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jodhpur: राजस्थान के जिस हिस्से में बहुतायत में लड़कियों की बेहद कम उम्र में हाथ पीले कर देने की कुप्रथा है वहां से केंद्र सरकार के नए बिल को लेकर लोगों में उत्साह है. खासतौर पर पश्चिम राजस्थान की लड़कियां इस बिल को लेकर काफी खुश हैं और पीएम मोदी की सराहना कर रही हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने संबंधी बिल पेश कर दिया है. 

प्रदेश में खासकर पश्चिम राजस्थान में बाल विवाह जैसी कुरीतिया आज भी कई समाज में है. हालांकि शिक्षा के साथ इसमें कमी जरूर आई, लेकिन आज भी ऐसे बाल विवाह जैसी कुरीति के कारण कई लड़कियों का जीवन खराब हुआ है. समाज मे ऐसे कई उदाहरण सामने हैं. जिनका बाल विवाह के बाद ना केवल शारीरिक व मानसिक बल्कि हर तरह से शोषण भी हुआ. कुछ ऐसा ही जोधपुर के पीपाड़ निवासी छोटा के साथ भी हुआ. 

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छोटे की कहानी जिसने भी सुनी तो उसके दिल को झकझोर दिया. दरसअल पीपाड़ तहसील के सिलारी गांव निवासी छोटे का जन्म 1999 में हुआ. 2013 में जब वह 14 साल को थी तो उसकी शादी हो गई. इसके बाद वह एक दिन ससुराल में रुकने के बाद अपने घर पीहर वापस लौट आई. हालांकि कम उम्र में शादी के बाद जब वह ससुराल गई थी तो उसे पता चला कि उसका पति नशेड़ी है. 

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ऐसे में उसके साथ पूरा जीवन बिताना मुश्किल है. छोटे ने बताया कि इसके बाद उसने बाल विवाह निरस्त के लिए न्यायालय में गुहार लगाई तो यह बात समाज के पंचों रिश्तेदारों को नागवार गुजरी. इसके बाद छोटे ही नहीं परिवार के लोगों पर दबाव बनाने धमकियां देने का सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन छोटे ने तो अपनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया. इसमें स्वयं सेवी संस्थान ने भी आगे आकर छोटे की मदद की. लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार उसे न्याय मिला. कोर्ट ने उसका बाल विवाह निरस्त के आदेश दिए.

छोटे का कहना कि अब पढ़ाई कर रही है. उसने जो दर्द झेला वह जब भी उसके बारे में सोचती है तो सिहर जाती हैं. लेकिन अब आगे पढ़ाई कर वह पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं, ताकि उसके जैसी लड़कियों को वह मदद कर सके. ताकि उसकी तरह दूसरी लड़कियों को परेशानी नहीं उठानी पड़े. छोटे के इस संघर्ष में किशोर न्यायालय बोर्ड की पूर्व मेंबर रूपवती देवड़ा ने भी सहयोग किया. रूपवती ने छोटे जैसी लड़कियों की मदद भी आगे आकर की. अब रूपवती अपने स्वयं सेवी संगठन के माध्यम से ऐसी लड़कियों के लिए काम कर रही है. 

Reporter- Arun Harsh

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