ऐतिहासिक तालाब मेघराजसर के रिसाव की समस्या के समाधान को लेकर कवायद शुरू
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ऐतिहासिक तालाब मेघराजसर के रिसाव की समस्या के समाधान को लेकर कवायद शुरू

ऐतिहासिक मेघराजसर तालाब की मजबूती और भराव क्षमता बढ़ाने ,तालाब के सौन्दर्यीकरण को लेकर बाप की महिला युवा सरपंच लीलादेवी जगदीश पालीवाल दिन-रात स्वयं काम की मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखकर कर कार्य करवा रही हैं.

ऐतिहासिक तालाब मेघराजसर के रिसाव की समस्या के समाधान को लेकर कवायद शुरू

Phalodi: बाप के प्राचीन ऐतिहासिक तालाब मेघराजसर के रिसाव की गंभीर समस्या के समाधान को लेकर ग्राम पंचायत के साथ ग्रामीण भामाशाह भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दे रहे हैं. जो गांव के इस प्राचीन जलश्रोत को सुरक्षा के साथ संरक्षण प्रदान करेंगे.

बाप क्षेत्र के ऐतिहासिक मेघराजसर तालाब की मजबूती व भराव क्षमता बढ़ाने ,तालाब के सौन्दर्यीकरण को लेकर बाप की महिला युवा सरपंच लीलादेवी जगदीश पालीवाल दिन-रात स्वयं काम की मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखकर कर कार्य करवा रही हैं. तालाब के पास मुख्य बाजार में बनी कई दुकानों में तालाब का पानी रिस कर आ रहा है. जिससे दुकानें पानी से भर जाती हैं. दुकानों की नीव में जलभराव होने से दुकानों के गिरने की आशंका रहती है.

ग्राम पंचायत बाप ने इस समस्या का स्थायी समाधान करने की ठानी व तालाब के रिसाव को रोकने के लिए 58 फीट लंबी और 11 फीट ऊंचाई नींव सहित दीवार का कार्य प्रारम्भ किया. सरपंच ने बताया कि यह दीवार आर सी सी की बनाई जा रही है. सरपंच पालीवाल ने बताया कि मुख्य बाजार की 60 वर्ष पूर्व बनी सीढियां भी जर्जर हो गई थीं. उन 60 करीब सीढ़ियों को नई बनवाने का कार्य भी किया जा रहा है. ग्रामीणों ने इस गुणवत्ता पूर्ण कार्य कि प्रशंसा की है.

पालीवाल ने बताया कि तालाब की काया पलटने कि मंशा है ,सरकार व भमाशाहों से झोली फैलाकर सहयोग मांगूगी. ग्रामीणों का मुझे पूरा सहयोग है. वे मेरे हर कार्य में सकारात्मक सहयोग कर रहे हैं. तालाब सौन्दर्यीकरण में जोधपुर सांसद महोदय व विधायक विश्नोई से उनके कोटे से राशि लेने में प्रयास जारी है. उनका सहयोग मिलते ही तालाब को निखारने में चार चांद लग जायेंगे.

तालाब की पाल यानी मुंडेर मजबूत हो इसके लिए पेच वर्क के बजट की मांग रखी है. जिससे आसपास वर्षात में मिट्टी पुनः तालाब में नहीं आये. छोटे-छोटे 5 तालाबों को मिलाकर बड़ी झील बनाने की योजना बनाई गई है. जिससे कि पानी एक जगह इकट्ठा हो और वाष्पीकरण भी कम होगा. तालाब के पानी रिसाव की दीवार देखने ग्रामीणों का हुजूम हर समय तालाब पर रहता है.

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