इंसान हो या गधा...इनको छींक क्यों आती है, मान्यता छोड़ो, विज्ञान के दावे तो सुनो
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इंसान हो या गधा...इनको छींक क्यों आती है, मान्यता छोड़ो, विज्ञान के दावे तो सुनो

Why sneeze comes frequently - इंसान को छींक क्यों आती है. छींक आने की क्या वजह होती है. छींक आने के नुकसान क्या है. या छींक आने के फायदे क्या है. ये सबके जहन में सवाल होता है. तो आज उसी को समझेंगे

 

छींक क्यों आती है

Why sneeze comes frequently - अक्सर आपने देखा होगा कि जब हमें छींक (Sneeze) आती है, तो वह फीलिंग बहुत अजीब सी होती है. स्नीजिंग यानी छींक जब आती है तो हमें नाक में एक अजीबोगरीब सी गुदगुदी का एहसास होता है और जब छींक आती है तो नाक और मुंह से एक सेटिस्फाइंग ब्लास्ट में बदल जाती है और छींक आने के बाद हमें काफी राहत महसूस होती है लेकिन सबके जहन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर हमें छींके क्यों आती हैं?

क्या आप जानते हैं कि छींकने से आपके शरीर के विजिबल या माइक्रोस्कोपिक एलर्जी, वायरस और परेशानियों से छुटकारा पाने का एक आसान तरीका है. इसलिए छींकने के बाद आपको एक राहत महसूस होती है, यह कहना है ईएनटी स्पेशलिस्ट मैथ्यू पुर्क का जो हॉफ मैन एस्टेटस, इलिनोइस में प्रैक्टिशनर है.

इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि जब हमारे नाक के अंदर की झिल्ली किसी बाहरी पदार्थ के अंदर चले जाने से खुजलाती है, तो हमारी नाक से तुरंत मस्तिष्क को संदेश पहुंचता है और वह हमारी मांसपेशियों का आदेश देता है, कि इस पदार्थ को बाहर निकाले और हमारी मांसपेशियां छींक जैसी क्रिया से इसको बाहर निकालने का काम करती है.

कई बार एक छींक से काम नहीं चलता और हमें लगातार कई छींके आती हैं और जब हमें जुखाम हो जाता है, तब हमें लगातार छींके इसलिए आती है क्योंकि जुखाम की वजह से नाक के अंदर की झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिससे बार-बार खुजली होती है और इस वजह से हमें लगातार छींके आती रहती हैं.

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छींक को लेकर साइंस और अंधविश्वास
आपने कई बार देखा होगा कि अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं और कोई छींक दे, तो उसको बाहर जाने से रोक दिया जाता है. कई बार दाईं और छींकने को शुभ माना जाता है और कई बार बाई और छींकने पर अशुभ मान लिया जाता है. हालांकि इन बातों का कोई आधार नहीं है यह महज छींक को लेकर अंधविश्वास है.

अगर साइंस (Science) की मानें तो साइंस कहता है कि छींक आना हमारे शरीर का महज एक रिफ्लेक्शन होता है, जिस पर हमारा कोई और नहीं होता.

किस गति से बाहर आती हैं छींके
जैसा कि आप जानते ही हैं कि छींक आने से शरीर को एक झटका सा लगता है और यह महज शरीर की एक ऐसी क्रिया होती है, जिसमें हवा के झटके के साथ शरीर उन पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है, जो म्यूसक झिल्ली (Mucus membrane) के लिए परेशानियां पैदा करती हैं. कई बार तो हम जब छींकते हैं तो मुंह और नाक से जो हवा बाहर निकलती है उसका वेग 160 किलोमीटर प्रति घंटे का होता है.

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