16 अगस्त को अधिकमास अमावस्या, जानें शिव पुराण में लिखी पूजा विधि
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16 अगस्त को अधिकमास अमावस्या, जानें शिव पुराण में लिखी पूजा विधि

Adhik Maas Amavasya 2023 : हिंदू धर्म में श्रावण मास को महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दौरान भगवान शिव (Lord Shiva )को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग की मानें तो करीब 19 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बना है. जब सावन 59 दिन है और 8 सावन सोमवार भी हैं. 

 16 अगस्त को अधिकमास अमावस्या, जानें शिव पुराण में लिखी पूजा विधि

Adhik Maas Amavasya 2023 : हिंदू धर्म में श्रावण मास को महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग की मानें तो करीब 19 साल बाद ऐसा शुभ संयोग बना है. जब सावन 59 दिन है और 8 सावन सोमवार भी हैं. चूंकि हर तीन साल के बाद एक अधिकमास होता है. और अबकी बार ये अधिकमास 16 अगस्त को अमावस्या के साथ समाप्त हो रहा है.

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हिंदू धर्म के मुख्य पुराणों में से एक शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा में इस चीज को जरूर अर्पित करना बहुत शुभ होता है.  16 अगस्त को शुभ मुहूर्त में किया ये उपाय शुभ फलदायी होता है. चलिए बताते हैं आपको शिव पुराण में शिव आराधना के बारे में क्या लिखा है.

शिव पुराण के अनुसार श्रावण के इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती स्वंय पृथ्वी लोक में निवास करते हैं. इसलिए इस समय की गयी शिव आराधना से धन धान्य की प्राप्ति होती है. इस समय की गयी पूजा से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है. अधिकमास के अमावस्या पर समाप्त होने पर श्रावण मास का आरंभ एक शुभ संयोग है.

16 अगस्त को शिवजी को जल अर्पित करने के साथ ही कनेर का फूल जरूर चढ़ाना चाहिए. पीला कनेर भगवान शिव को बहुत प्रिय है. जिसे शिवलिंग पर चढाने से धन वैभव की बढ़ोत्तरी होती है. साथ ही घर की दरिद्रता का नाश भी होता है. ऐसा करने से सुख-सौभाग्य और शांति भी परिवार में आती है.

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