Chaturmas 2023 : हिन्दू (HINDU)पंचागं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी यानी 29 जून 2023 से चातुर्मास शुरु हो चुके है. इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास को समाप्त माना जाएगा. कई सालों के बाद इस बार चातुर्मास 4 नहीं 5 महीने का है. ऐसे में अगर आपने इस समय का सदुपयोग किया तो आपका नाम समाज में होगा और आप एक ऊंचे पद को प्राप्त कर सकेंगे.
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Chaturmas 2023 : हिन्दू (HINDU)पंचागं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी यानी 29 जून 2023 से चातुर्मास शुरु हो चुके है. इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास को समाप्त माना जाएगा. कई सालों के बाद इस बार चातुर्मास 4 नहीं 5 महीने का है. ऐसे में अगर आपने इस समय का सदुपयोग किया तो आपका नाम समाज में होगा और आप एक ऊंचे पद को प्राप्त कर सकेंगे.
हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि चातुर्मास में किया गया तप और साधना बहुत जल्दी फलित रूप में सामने आते हैं. इसलिए इस समय को जप साधना के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. इस समय में आप उत्तम विद्या ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कई नियमों को मानना जरूरी है.
जप
चातुर्मास में हर दिन सूर्यादय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और रात्रि में जल्दी सोना चाहिए. नित्य कर्म कर रोजाना जप करें और ध्यान धारणा में रखें. चातुर्मास में किये गये जप से सिद्धि जल्दी प्राप्त हो सकती है. खासतौर पर साबर मंत्र जल्द सिद्ध हो जाते हैं. हिंदू धर्म में मंत्र तीन प्रकार के बताये गये हैं. वैदिक, तांत्रिक और साबर मंत्र. जिसमें से साबर मंत्र से ज्ञान, मोक्ष ही नहीं बल्कि सांसारिक कार्यों को सिद्ध करने की सिद्धि मिल जाती है. शाबर मंत्र से बहुत जल्दी, विश्वसनीय और अच्छे कार्य संपन्न होते हैं.
तप
चातुर्मास में नियमों को मानते हुए मानसिक संयम और ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है. ऐसा करने पर साधक का तप सार्थक होता है और मंत्र सिद्धि की संभावना भी ज्यादा होती है. तप के दौरान साधक जमीन पर सोते हैं और हर दिन नियमित रूप से ध्यान धारणा में लीन रहते हैं.
मौन
आमतौर पर चातुर्मास के दौरान मौन व्रत रखा जाता है. ऐसा करने से मन एकाग्र तो रहता ही है. साथ ही मौन मन की शक्ति को भी बढ़ा देता है. ऐसे में साधक का जप और तप दोनों जल्दी फलीभूत होते हैं. इस समय साधुओं के सत्संग से भी जीवन में लाभ देखने को मिलता है.
शक्ति साधना
चातुर्मास में आप खुद की शक्तियों को जागृत कर सकते हैं. देवी देवताओं की कृपा भी इस दौरान प्राप्त की जा सकती हैं. खुद की शक्तियों को जागृत करने के लिए मन शक्ति योग साधना की जाती है. एक बार अगर आप इस शक्ति साधना को सीख गये तो दूसरों के मन की बात समझ जाएंगे.
एक महाविद्या की साधना
चातुर्मास में 10विद्याओं में से किसी एक महाविध्या की साधना की जा सकती हैं. 64 योगिनियों में से किसी एक की साधना कर भी आप ध्यान कर सकते हैं. किसी गुरु से आप यक्ष, यक्षिणी, अप्सरा और गंधर्व साधना को धारण कर सकते हैं. हालांकि सात्विक साधनाएं जैसे ही हनुमान साधना, दुर्गा साधना, वराही साधना या वैष्णवी साधना करना ही शुभ माना जाता है.