घर की पश्चिम दिशा की भूलकर ना करें अनदेखी, परिवार की सुख शांति यहीं से जुड़ी
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घर की पश्चिम दिशा की भूलकर ना करें अनदेखी, परिवार की सुख शांति यहीं से जुड़ी

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताते गये हैं.. जिसमें घर की पश्चिमी दिशा को बेहद अहम बताया गया है. पश्चिमी दिशा में कोई दोष हो तो कई वैवाहिक जीवन में कई परेशानी का सामना करना पड़ता है और परिवार की सुख शांति चली जाती है.

घर की पश्चिम दिशा की भूलकर ना करें अनदेखी, परिवार की सुख शांति यहीं से जुड़ी

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताते गये हैं.. जिसमें घर की पश्चिमी दिशा को बेहद अहम बताया गया है. पश्चिमी दिशा में कोई दोष हो तो कई वैवाहिक जीवन में कई परेशानी का सामना करना पड़ता है और परिवार की सुख शांति चली जाती है.

वास्तुशास्त्र में पश्चिम दिशा का स्वामी वरुण, आयुध पाश के साथ ही प्रतिनिधि ग्रह शनिदेव बताये गये हैं. पश्चिम दिशा में कालपुरुष के पेट, गुप्तांग और जननांग का विचार होता है. अगर इस दिशा में दोष हो तो फिर घर के मुखिया की आमदनी कम होती है और कई यौन संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं.

अगर घर में वास्तुदोष लग रहा हो तो घर की पश्चिम दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखें, इसके साथ ही अगर घर की पश्चिम दिशा की दीवार में दरारें आ गयी हैं तो ये आपके परिवार पर शनि के कुप्रभाव की तरफ इशारा है. ऐसे में घर के मुखिया को आर्थिक नुकसान के साथ साथ कंगाली तक का अनुभव हो सकता है

अगर पति-पत्नी का बेडरूम पश्चिम दिशा में है तो ये तय मानें की दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होता रहेगा. दोनों में अक्सर किसी न किसी बात को लेकर लंबे वक्त तक चलने वाला विवाद होगा और ऐसे कपल ज्यादा वक्त साथ नहीं रह पाते हैं. ऐसे घरों में तलाक के मामले सामने आ सकते हैं .

घर के पश्चिम दिशा में पूजा घर हो तो ऐसे घर का मुखिया ज्योतिष और तंत्र-मंत्र आदि विधाओं का जानकार हो सकता है. वहीं अगर इस दिशा में रसोई बनी है तो धन का आगमन का आगमन हो सकता है लेकिन ऐसा धन टिकता नहीं है.  

पश्चिम दिशा में अग्निस्थल बना होने पर घर के सदस्यों को बार-बार गर्मी, पित्त, एसिडिटी जैसी कई समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है.  वहीं पश्चिम दिशा में लगा दरवाजा छोटा हो तो घर के मालिक की तरक्की पर भी छोटी होती है. 

पश्चिम दिशा में बना गेट अगर नैऋत्यमुखी हो तो फिर परिवार के सदस्यों में से किसी को कोई लंबी बीमारी और असाध्य रोग होने का खतरा हो जाता है. वहीं ऐसे द्वारा के होने पर असामयिक मृत्यु का डर भी बना रहता है.

पश्चिम दिशा में बना गेट वायव्यमुखी होने पर मकान का मालिक कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसा ही रहता है.  जिसके कारण उसका काफी क्षय होता है और मन अशांत रहता है.

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