गंभीर नदी की हालत हुई बदतर, करौली की गंदगी से नदी हुई मैली, लगे कचरे के ढेर
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गंभीर नदी की हालत हुई बदतर, करौली की गंदगी से नदी हुई मैली, लगे कचरे के ढेर

Karauli News: गंभीर नदी अब कचरे से अटी हुई है. प्रशासन की अनदेखी से महावीरजी कस्बे की गंदगी नदी के बहाव क्षेत्र में डाली जा रही है. जिससे नदी अपना अस्तित्व खोकर कचरे के ढेर मे तब्दील होती जा रही है.  

गंभीर नदी की हालत हुई बदतर, करौली की गंदगी से नदी हुई मैली, लगे कचरे के ढेर

Karauli News: श्रीमहावीरजी क्षेत्र की आस्था से जुड़ी गंभीर नदी अब कचरे के ढेर से अटी पड़ी है. क्षेत्र की जीवनदायिनी मानी जाने वाली गंभीर को प्रदूषित होने से बचाने पर जिम्मेदार ही गंभीर नहीं है जिसके चलते नदी अपना अस्तित्व खोती जा रही है . 

अहिंसा नगरी श्रीमहावीरजी स्थित गंभीर नदी को अपनों के कहर ने ही मार दिया है. सदियों तक भगवान जिनेंद्र के दामन में कल-कल बहने वाली गंभीर नदी अब कचरे से अटी हुई है बुजुर्गों के अनुसार प्रशासन की अनदेखी से महावीरजी कस्बे की गंदगी नदी के बहाव क्षेत्र में डाली जा रही है. गंदगी की वजह से भगवान महावीर मान्यताएं और शांतिनाथ मंदिर के बीच बने काजवे पुल से लोगों को दुर्गन्ध भरे गंदे नाले व सीवरेज का पानी, कचरा , शौचालय के गटर की सफाई से निकले मलबे को टैंकरों से नदी में डाला जा रहा है. जिससे नदी अपना अस्तित्व खोकर कचरे के ढेर मे तब्दील होती जा रही है.  

मान्यता है कि वैशाख कृष्ण प्रतिपदा के दिन भगवान महावीरजी गंभीर नदी के तट पर पहुंचते है. जहां गंभीर नदी के जल से भगवान का अभिषेक किया जाता है. गंदगी के कारण  गंभीर नदी के पास से निकलना भी परेशान करता है. नदी मे जा रहे गंदे नाले के पानी, सीवरेज की गंदगी व क्षेत्रवासियों द्वारा डाले जा रहे कचरे के कारण नदी अपना अस्तित्व खो रही है.

देशभर के धार्मिक तीर्थ क्षेत्रों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़े स्थलों पर विशेष स्वच्छता रखने के उद्देश्य से भारत सरकार की योजना लाइट हाउस प्रोजेक्ट के अंतर्गत श्री महावीरजी तीर्थ क्षेत्र को इससे जोड़ा गया है  जिसमें स्वच्छता के विशेष प्रयास किए जाने है. इसके बावजूद सफाई के इंतजाम नाकाफी है और नदी गंदगी से जूझ रही है. विकास अधिकारी ज्ञानसिंह मीना का कहना है कि जनसहयोग से गंभीर नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे है. सभी का सहयोग मिला तो नदी का स्वरूप निखर जाएगा.

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नदी में गंदगी डालने वालो पर कारवाई की जाएगी. करौली जिले की पांच प्रमुख नदी बरखेड़ा, भद्रावती, मांची, अटा व भैंसावट नदी के संगम स्थल पर राज्य सरकार ने वर्ष 1978-79 में पांचना बांध के निर्माण की स्वीकृति जारी की थी. इसके बाद बांध का निर्माण शुरू हो गया. पांचना बांध बनने के बाद में पानी को नदी में जाने रोका गया जिससे गंभीर नदी मे पानी की आवक बंद हो गई पांचना बांध से पानी नहीं छोड़ने के कारण नदी में पानी नहीं आ पाता है वहीं बारिश के सीजन में और पांचना बांध के गेट खोलने की स्थिति में गंभीर नदी में पानी आता है लेकिन गंदगी के कारण वह पानी भी दूषित नजर आता है.

ऐसे में प्रशासन को जल्द ही नदी के पेटे से कचरे को बाहर निकाल नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए. साथ ही इसमे गंदगी फेकने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए.

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