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Pipalda: सुल्तानपुर में विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लेकिन रावण दहन कार्यक्रम ने पालिका प्रशासन के पसीने छुड़ा दिए. 1 घंटे तक भरपूर प्रयासों के बावजूद रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जल सका.
आखिरकार पुतले को खींच कर नीचे गिराया और उसे पैरों से रौंदा गया. यहां बुधवार को सुबह जहां तेज बारिश के चलते रावण दहन कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति रही तो शाम को मौसम साफ होने के साथ ही लोगों मे मौसम में ठंडक घुलने से रावण दहन को लेकर उत्सुकता देखने को मिली.
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इसी के मध्यनजर भव्यता के साथ पालिका प्रशासन ने सुंदर झांकियों और अखाड़ों के साथ जुलूस निकाला. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और भगवान राम लक्ष्मण जानकी की सुंदर झांकी, श्री वीर बालाजी और श्री महावीर मठ व्यायामशाला के साथ जुलूस निकाला गया. जहां रात्रि पौने 9 बजे शोभायात्रा हर्षोल्लास के साथ जयकारे लगाते हुए सात नीमड़ी चौक में रावण दहन स्थल पर पहुंची. यहां पर परंपरा अनुसार पहले पालिका प्रतिनिधि विनीत शर्मा, ईओ जितेंद्र सिंह पारस, सहायक प्रशासनिक अधिकारी महेश कुमार द्वारा देव विमान और भगवान राम तथा रावण के पुतले की पूजा अर्चना की गई. रावण दहन का समय पौने 9 बजे तय किया गया था. उसके बाद रावण दहन की तैयारियां हुई लेकिन शुरूवात में आतिशबाजी से सभी को आकर्षित कर रहे रावण के पुतले में महज 5 मिनट बाद ही आग बंद हो गई.
टस से मस नहीं हुआ रावण
इसमें पालिका प्रशासन के पसीने छूट गए. पहले विद्युत प्रवाहित करके रावण दहन किया जाना था लेकिन बारिश ने पूरे रावण का खेल बिगाड़ दिया. विद्युत करंट से कोई बात नहीं बनी तो आतिशबाजी से रावण जलाने का प्रयास किया गया लेकिन इससे भी कोई लाभ नहीं हुआ, जिसके बाद भरसक प्रयास करने के बाद रावण पर डीजल छिड़का गया लेकिन थोड़ा जलकर रावण के पुतले में फिर आग बंद हो गई. ऐसा करते-करते रावण जलाने में आधा घंटा व्यतीत हो गया लेकिन रावण का पुतला टस से मस नहीं हुआ.
आग लगाने में दमकल का लिया सहारा
पूरा सात नीमड़ी चौक ग्रामीणों से लबालब भरा हुआ था. पहली बार एक घण्टे कोशिश के बावजूद रावण का पुतला नहीं जला. आखिरकार पालिका प्रशासन द्वारा दमकल बुलवाई गई, जहां दमकल की सीढ़ियां लगाकर रावण के पुतले पर चढ़कर डीजल छिड़का गया. इस तरह करीबन 15 लीटर से अधिक डीजल प्रयोग में लिया गया लेकिन फिर भी कोई बात नहीं बनी. इस तरह से एक घंटे तक भी रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जला. आखिरकार पालिका कर्मचारियों द्वारा रस्सियों से खींचकर रावण के पुतले को नीचे गिराया, जहां पुतला नीचे गिरते ही ग्रामीणों की भीड़ पुतले पर टूट पड़ी. किसी ने पटाखे चुराए तो किसी ने पैरों से रावण को रौंद डाला.
इस तरह से पहली बार नगर में रावण का पुतला सभी के कौतूहल का विषय बना रहा. बारिश ने पूरा रावण दहन कार्यक्रम चौपट कर दिया और रावण को जलाने में पसीने छूट गए. इसके साथ ही जो दमकल आगजनी के काम आती है आज उसे ही रावण के पुतले में आग लगाने में मदद ली गई.