सुल्तानपुर क्षेत्र के बुडादित कस्बे में प्राचीन सूर्य मंदिर परिसर स्थित मंदिर के मुख्यद्वार के सामने निर्मित गणेश भगवान की छतरी गिर गई. अब तक चार में से तीन छतरियां गिर चुकी है. मरम्मत के बाद एक बार फिर गणेश छतरी गिर गई. छतरियां हल्की बारिश होते ही ढ़ह जाती है.
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Pipalda: सुल्तानपुर क्षेत्र के बुडादित कस्बे में स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर परिसर स्थित गणेश प्रतिमा पर लगी छतरी दूसरी बार गिर गई. हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं है. पूर्व में संत साहेब, शिवालय गणेश प्रतिमा पूर्व में गिर चुकी थी. पुरातत्व विभाग के निर्देशो के बाद इन छतरियों का कुछ महीने पहले मरमत कार्य करवाया गया. इसके बाद भी बारिश में गणेश प्रतिमा छतरी के गिराने से श्रद्धालुओं में रोष है.
जानकारी के अनुसार पुरातत्व एवं संग्राहलय विभाग द्वारा स्वीकृत बजट से मंदिर जीर्णाद्वार के तहत धार्मिक स्थलों पर लाल पत्थर की छतरियों का निर्माण करवाया गया. निर्मित छतरियां एक के बाद एक गिरने लगी है. मंदिर के मुख्यद्वार के सामने निर्मित गणेश भगवान की छतरी गिर गई. अब तक चार में से तीन छतरियां गिर चुकी है. मरम्मत के बाद एक बार फिर गणेश छतरी गिर गई. छतरियां हल्की बारिश होते ही ढ़ह जाती है.
हो सकता था बड़ा हादसा
आदित्य समिति अध्यक्ष शिव मोदी ने बताया कि जिस समय गणेश प्रतिमा छतरी गिरी उस समय परिसर में कोई नहीं था. सांयकाल आरती समाप्त होने के बाद श्रद्धालु घरों में जा चुके थे. छतरी मुख्य द्वार पर स्थित है जहां लोगों की आवाजाही रहती है. आरती के समय छतरी गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
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छतरियों को हटाने की मांग
पिछले 3 वर्षों में चार बार छतरियां गिर चुकी है. जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं में भय व्याप्त हो गया है. मंदिर परिसर में निर्मित क्षेत्रों से हादसे की आशंका है. श्रद्धालुओं ने यहां निर्मित क्षत्रियों को हटाने तथा बदलने की मांग की है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु सुरक्षित पूजा-अर्चना कर सके.
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