नगर परिषद के सफाई इंतजाम को लेकर व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की है. ऐसे में हालातों में तेज बारिश आती है, तो शहरवासियों की मुश्किल बढ़ जाएंगी.
शहर में पहली मामूली बरसात में नगर परिषद (City Council) के नालों की सफाई की पोल खुल गई. शहर में कई जगह पर लोगों को जलभराव (Water logging) से परेशानियों का सामना करना पड़ा जबकि नगर परिषद ने नालों की सफाई के 49 लाख के टेंडर जारी कर भ्रष्टाचार (Corruption) कर डाला. इसके चलते नालों की सफाई हुई ही नहीं और आधा इंच बारिश से ही सड़कों पर जलभराव हो गया.
शहर में गुरुवार शाम को हुई 12 एमएम की बारिश में स्टेशन रोड नगर परिषद के सामने, प्रताप चौक, मांगरोल रोड पर जलभराव से लोगों की मुश्किल बढ़ गई. नगर परिषद के सफाई इंतजाम को लेकर व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की है. ऐसे में हालातों में तेज बारिश आती है, तो शहरवासियों की मुश्किल बढ़ जाएंगी.
देर शाम से कभी तेज, तो कभी मध्यम और रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा. करीब दो घंटे तक रुक-रुककर हुई रिमझिम, मध्यम और तेज बारिश से शहर में सफाई इंतजाम को लेकर नगर परिषद की ओर से किए जा रहे दावे फेल हो गए.
नगर परिषद के सामने ही नालियों का गंदा पानी निकलकर सड़क पर बहने लगा. प्रताप चौक, विक्रम चौक, मांगरोल रोड की कॉलोनियों से लेकर गलियों में लोगों को जलभराव के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लोगों का आरोप है कि नाली और नालों की सफाई में खानापूर्ति होने से लोग परेशान हुए हैं. नगर परिषद की ओर से नालों की साफ-सफाई पर लाखों खर्च किए गए हैं. लेकिन कार्य महज खानापूर्ति का हो रहा है, इसको लेकर प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. कुछ ही देर की बारिश में सड़कों पर पानी भर गया.
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