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Kota News : कोटा में मिलावट खोर सक्रिय है, सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी वे बाज नहीं आ रहे हैं, खाद विभाग की तरफ से लगातार शुद्ध के खिलाफ युद्ध अभियान चलाया जाता रहा है, लेकिन फिर भी मिलावट खोर खाद्य पदार्थ में मिलावट कर चांदी कूट रहे हैं और आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.
कोटा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि शहर में किस तरह मिलावटखोरों सक्रिय है चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम से मिले आंकड़ों के अनुसार विगत 4 वर्षों में 2019 से लेकर 2022 तक खाद्य विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के कुल 1138 नमूने लिए गए जिनमें से 242 नमूने अमानक पाए गए हूं. इनमें से 209 प्रकरणों के खिलाफ चिकित्सा विभाग ने न्यायालय में परिवाद दायर किया है, जिनमें अब तक कुल 13 लाख 60 हजार की पेनल्टी लगाई जा चुकी है.
स्टेट फ्लैगशिप योजनाओं के अंतर्गत विगत 4 वर्षों में खाद्य सुरक्षा विभाग ने लगातार करवाई की है जिनमें एक माह में ही 5305 किलो मसाले सीज किए थे जिनमें कलर मिक्सिंग किया हुआ था,, वही बड़ी मात्रा में मिलावटी घी भी विभाग द्वारा किया सीज किया गया है हाल ही में 7820 किलो नकली घी भी विभाग द्वारा सीज किया जा चुका है. चिकित्सा एंड स्वास्थ्य एक्सपर्ट के मुताबिक इन पदार्थों इन पदार्थों में कई ऐसे और पदार्थ मिले हुए हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, और आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं . वहीं कई मिल्क प्रोडक्ट ऐसे थे जिनमे पानी, स्टार्च आदि की मिलावट पाई गई.
वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीज किये गए मसालों में कई ऐसे कैमिकल मिले है जिनमे मानव जीवन के लिए हानिकारक तत्त्व मौजूद है. खाद्य विभाग के निरिक्षक के मुताबिक फ़ूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत विभाग द्वारा मिलावटखोरों के तहत कार्यवाही की जाती है. वहीं विभाग ने विगत 5 वर्षों में 5061 नए फ़ूड लाइसेंस जारी किए गये है जिनसे विभाग को लगभग 1करोड़ 85 लाख रुपये की रेवेन्यू प्राप्त हुई है.
Reporter- KK Sharma
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