सोशल मीडिया पर वायरल मुआवजा सूची ने खड़े किए सवाल, अपात्र लोगों के नाम शामिल
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सोशल मीडिया पर वायरल मुआवजा सूची ने खड़े किए सवाल, अपात्र लोगों के नाम शामिल

कोटा के सांगोद में पिछले साल उजाड़ नदी में आई भीषण बाढ़ ने सैकड़ों लोगों का सब कुछ तबाह कर दिया था. कई लोगों के कच्चे मकान पानी में धारासाही हो गए थे. प्रशासन ने भी प्रारंभिक तौर पर नुकसान का सर्वे करवाकर पीड़ित लोगों की मुआवजा सूची सरकार को भेज दी.

रविवार को एकाएक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया.

Sangod: कोटा के सांगोद में पिछले साल उजाड़ नदी में आई भीषण बाढ़ ने सैकड़ों लोगों का सब कुछ तबाह कर दिया था. कई लोगों के कच्चे मकान पानी में धारासाही हो गए थे. प्रशासन ने भी प्रारंभिक तौर पर नुकसान का सर्वे करवाकर पीड़ित लोगों की मुआवजा सूची सरकार को भेज दी. रविवार को एकाएक यह सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया. सोशल मीडिया पर वायरल सूची में 264 बाढ़ प्रभावित लोगों के नाम और उनके हुए नुकसान और देय सहायता राशि का पूरा लेखा-जोखा है, लेकिन इनमें बाढ़ पीड़ित कई परिवारों का नाम शामिल नहीं है. वहीं, कई ऐसे भी लोगों के नाम है, जिनके बाढ़ से कच्चे और पक्के मकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन उन्हें भी हजारों रुपए की सहायता राशि का जिक्र किया गया है. 

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सरकारी कार्मिकों से लेकर दुमंजिला मकान वालों के नाम तक सूची में है. सूची को लेकर सोमवार को पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि के तौर पर पार्षद राजेंद्र गहलोत ने भी तहसीलदार नईमुद्दीन से चर्चा की और सूची में शामिल संदिग्ध लोगों की जांच करवाकर पात्र लोगों के नाम शामिल करने की मांग रखी. हालांकि अधिकारी इस सूची की सत्यता को लेकर कोई जवाब नहीं दे पा रहे. इतना जरूर कह रहे हैं कि किसी नाम को लेकर किसी को कोई शिकायत है तो लिखित में शिकायत कर सकते हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इस मुआवजा सूची में शामिल लोगों की जांच होनी चाहिए ताकि पात्र लोगों को उनका हक मिले और अपात्र लोगों के नाम हट सके.

पूरी जानकारी सूची में
वायरल हुई सूची में हालांकि किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर या कार्यालय का नाम भी नहीं है, लेकिन यह सूची हुबहु प्रशासनिक सूची से मिलती है. सूची में पीड़ित लोगों के नाम के साथ उनके बैंक खाता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, मकान कच्चा व पक्का समेत नुकसान के मूल्याकंन, नुकसान की स्थिति जैसी सारी चीजें सही-सही अंकित है. लोगों का कहना है कि फर्जी सूची बनाने वाला कोई भी इतनी जानकारी नहीं जुटा सकता.

सूची सही तो जमकर हुई बंदरबाट
वायरल सूची यदि सही है तो बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे के नाम पर जमकर बंदरबाट हुई है. सूची में ऐसे लोगों के नाम भी है जिनके घरों तक बाढ़ का पानी पहुंचा ही नहीं. एक ही परिवार के दो लोगों के नाम के साथ सरकारी कर्मचारी तक इसमें शामिल है. जिन लोगों के मकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा ऐसे भी कई लोगों के नाम इस सूची में है. ऐसे लोगों की सहायता में सूची में 40 से 90 हजार रुपए तक दर्शा रखे हैं.

पालिका अध्यक्ष कविता गहलोत ने कहा कि वायरल सूची की सत्यता की जांच होनी चाहिए. इस सूची ने कई लोगों की चिंता बढ़ा दी है. पात्र लोगों के नाम इसमें नहीं है तो कई अपात्र लोगों को इसमें शामिल किया गया है. प्रशासनिक स्तर पर इसकी गंभीरता से जांच करनी चाहिए. 

वहीं, सांगोद तहसीलदार नईमुद्दीन ने कहा कि सूची सही है या गलत इसके बारे में तो कुछ कह नहीं सकते, लेकिन यदि सूची में शामिल लोगों के नामों से किसी को कोई आपत्ति है तो वो शिकायत दे सकते हैं. उनकी जांच करवाई जाएगी.

Report: Himanshu Mittal

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