Lok Sabha Election 2024: जानिए भरतपुर लोकसभा सीट का इतिहास, BJP-कांग्रेस ने किसपर चला दांव?
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Lok Sabha Election 2024: जानिए भरतपुर लोकसभा सीट का इतिहास, BJP-कांग्रेस ने किसपर चला दांव?

Rajasthan Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के महामुकाबले में भरतपुर लोकसभा सीट एससी के लिये आरक्षित सीट है लेकिन इस सीट पर भी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है भरतपुर चूंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है, इसलिये यह लोकसभा सीट अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.

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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में है . नेताओं के दौरे और चुनावी सभाओं का शोर हर तरफ सुनाई दे रहा है.

2024 के इस महा मुकाबले में बात करेंगे भरतपुर लोकसभा सीट की. यूं तो भरतपुर लोकसभा सीट एससी के लिये आरक्षित सीट है लेकिन इस सीट पर भी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है भरतपुर चूंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है, इसलिये यह लोकसभा सीट अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.

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भरतपुर लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो इस सीट पर अब तक हुए 17 लोकसभा के चुनावों में 7 बार कांग्रेस व 6 बार भाजपा व 4 बार अन्य ने विजय हासिल की है. इस लोकसभा सीट ने देश को बड़े दिग्गज नेता भी दिए है उनमें बात चाहे इंदिरा गांधी केबीनेट में मंत्री रहे बाबू राजबहादुर की हो या फिर राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे राजेश पायलट की या विदेश मंत्री रहे कुंवर नटवर सिंह की. इस सीट पर भरतपुर राजपरिवार का खासा दबदबा रहा है. यही वजह है कि इस सीट से विश्वेन्द्र सिंह ,उनकी पत्नी दिव्या सिंह व उनकी चचेरी बहिन कृष्णेन्द्र कौर दीपा भी सांसद रह चुकी है. 

इस लोकसभा सीट में भरतपुर की 7 विधानसभा और अलवर जिले की 1 विधानसभा मिलाकर कुल 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और कुल मतदाताओं की संख्या 21 लाख से ज्यादा है. इस सीट पर कांग्रेस ने कठूमर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी संजना जाटव को मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को टिकट दिया है. बड़ी बात यह है कि एक भुसावर की बेटी है और एक बेटा. संजना जाटव का पीहर भुसावर में है और ससुराल कठूमर में है. जबकि रामस्वरूप कोली भुसावर के रहने वाले हैं.

हालांकि बसपा ने अंजिला जाटव को मैदान में उतारा हैइस सीट पर मुख्य मुकाबला तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है. दोनों ही प्रत्याशी अलग अलग तरीके से मतदातओं को रिझाने में लगे हैं.

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बीजेपी के क्या हैं मुद्दे
भाजपा इस सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी के 400 पार के नारे को लेकर जनता के बीच जा रही है. वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा केंद्र और राज्य सरकार के कामों को गिनाकर जनता से वोट मांग रहे हैं. सीएम भरतपुर के लोगों को ईआरसीपी के मुद्दे पर राज्य सरकार द्वारा एमओयू साइन कर जनता को राहत देने की बात कह रहे है. सीएम कह रहे है कि ईआरसीपी का पानी भरतपुर के किसानों को और आमजन को मिलेगा तो यह इलाका भी सरसब्ज हो सकेगा. सीएम यह भी कह रहे है कि यहां की समस्याओं के बारे में उनको जानकारी है वह उनका हल करेंगे.भाजपा का दावा इस सीट पर भाजपा 5 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीतेगी. गत चुनाव भी भाजपा ने 3 लाख से अधिक वोटों से जीता था.

कांग्रेस के मुद्दे
वहीं कांग्रेस पार्टी जनता से कह रही है यह चुनाव देश की दिशा व दशा तय करेगा, इसके अलावा महंगाई बेरोजगारी सुरक्षा और जातीय गठजोड़ के जरिये इस सीट को जीतने के दावे कांग्रेस कर रही है. कांग्रेस जाटव ,जाट ,गुर्जर और मेव मतदाताओं के गठजोड़ से भाजपा के कमल को उखाड़ फेंककर करिश्मा करने की कवायद में जुटी है.यह करिश्मा होगा या नहीं यह चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा.

इस सीट पर जातीय गणित की बात करें तो इस लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 22 प्रतिशत एससी मतदाता है एससी के अंदर सर्वाधिक संख्या जाटव मतदाताओं की है. वहीं जाट मतदाताओं की संख्या 

लगभग 4 लाख 50 हजार है ,जाटों के बाद गुर्जर 3 लाख 10 हजार ,मेव मतदाता 3 लाख,2 लाख वैश्य

 2 लाख ब्राह्मण,1 लाख 50 हजार सैनी ,माली ,कुशवाह मतदाता है,50 हजार कोली मतदाता है. शेष

3 लाख मतदातओं में अन्य मतदाता शामिल है.

भरतपुर जिले से नगर विधायक जवाहर सिंह बेढंम सरकार में मंत्री
इस लोकसभा में गुर्जर बाहुल्य विधानसभा सीट बयाना-रूपवास, विधानसभा नगर व कामां है ,वही जाट बाहुल्य सीट की बात करें तो भरतपुर ,डीग-कुम्हेर, नदबई विधानसभा शामिल है इसी तरह मेव बाहुल्य नगर व कामां विधानसभा है. वर्तमान में भरतपुर लोकसभा की 8 विधानसभा में से 7 तो भाजपा के पास है जबकि 1 आरएलडी के पास है. हालांकि भाजपा के पास भरतपुर जिले में डीग-कुम्हेर नदबई नगर कामां, वैर सहित 5 और अलवर की 1 कठूमर सीट पर चुनाव जीतकर 6 पर चुनाव जीता था लेकिन बयाना -रूपवास विधायक के भाजपा में शामिल होने से अब इनकी संख्या 7 है . भरतपुर जिले से नगर विधायक जवाहर सिंह बेढंम सरकार में मंत्री है.

 संजना जाटव मैदान में उतरी
पार्टी प्रत्याशियों की बात करें तो कांग्रेस ने भरतपुर लोकसभा सीट पर नए चेहरे के रूप में 25 साल की महिला उम्मीदवार संजना जाटव को चुनाव में उतारा है जो कि बीए एलएलबी है . संजना ने कठूमर से गत विधानसभा चुनाव लड़ा था और महज 409 वोट से चुनाव हार गई थी. पार्टी ने अब उन्हें फिर से लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. संजना जाटव,जाट,गुर्जर,मेव मतदाताओं के सहारे ही अपनी वैतरणी को पार उतारने की तैयारी में जुटी है. 

भाजपा इस सीट पर लगातार कोली कार्ड खेलती आ रही
जबकि भाजपा ने पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को टिकट दिया है जो कि वर्ष 2004 से 2009 तक बयाना-धौलपुर सीट से सांसद रह चुके है लेकिन वर्ष 2009 में कबूतरबाजी के आरोपों के चलते उनका टिकट काट दिया गया था. हालांकि पार्टी ने वर्ष 2018 में वैर से पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव के सामने चुनाव लड़ाया लेकिन वह बड़े अंतर से चुनाव हार गए. पार्टी ने एक बार फिर उन्हें उम्मीदवार बनाया है. रामस्वरूप कोली यूं तो संगठन के कार्यकर्ता माने जाते है लेकिन अपने पूर्व के कार्यकाल में वह कोई भी ऐसा काम नहीं कर पाए उल्टे कबूतरबाजी के आरोपों में फंस गए थे. शैक्षणिक रूप से भी वह 12 वीं पास है. 2009 के बाद भाजपा इस सीट पर लगातार कोली कार्ड खेलती आ रही है.

सीट का इतिहास
2009 में तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ा लेकिन वर्ष 2014 और 2019 में मोदी लहर में भाजपा ने जीत हासिल की है. इस बार भी मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है कैंडीडेट प्रभावकारी नहीं है लेकिन पार्टी के 400 पार के नारे को आगे रख फिर से कमल खिलाने की कवायद है.

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