लोकसभा इलेक्शन रिजल्ट आते ही BJP में जाट नेता, तो पायलट को राजस्थान में कांग्रेस की कमान!
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लोकसभा इलेक्शन रिजल्ट आते ही BJP में जाट नेता, तो पायलट को राजस्थान में कांग्रेस की कमान!

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को आने वाला है. यह चुनाव परिणाम राजस्थान के नेताओं के सियासी भविष्य के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. इसके बाद राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस के बड़े नेताओं के सियासी ग्राफ में तगड़ा बदलाव हो सकता है. 

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Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है. मतदान के बाद से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी जीत के दावे कर रही हैं. जहां बीजेपी चुनाव से पहले 25 सीटों पर जीत का दाम ठोक रही थी, जिस पर पार्टी के नेता अभी भी जमे हुए हैं. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्याशियों के चयन में दिक्कत झेलने वाली कांग्रेस को राजस्थान में वोटिंग के बाद उम्मीद जग गई है. वोटिंग के बाद कांग्रेस के नेता भाजपा से एक सीट अधिक जीतने का दम भर रहे हैं. कांग्रेस की मानें तो राजस्थान में 13 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. 

बता दें कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव का परिणाम 4 जून को आने वाला है. यह चुनाव परिणाम राजस्थान के नेताओं के सियासी भविष्य के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. इसके बाद राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस के बड़े नेताओं के सियासी ग्राफ में तगड़ा बदलाव हो सकता है. बीजेपी की बात करें तो लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा. दरअसल वर्तमान में सीपी जोशी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तो हैं ही, सांसद का चुनाव भी लड़ रहे हैं. ब्राह्मण सीएम होने की वजह से सीपी जोशी को केंद्र में बीजेपी की सरकार आने पर मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है या किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा सकता है. वहीं, सीपी जोशी की जगह पर किसी दलित नेता या फिर जाट को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का ओहदा सौंप सकती है. 

दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो 4 जून के बाद सीएम बदलने का दावा कर रही है हालांकि तीन से चार सीट कम होने पर मंत्रिमंडल में कुछ मंत्रियों की कुर्सी खतरे में जा सकती है. जिस तरह से दौसा चुनाव फंसा हुआ है किरोड़ीलाल मीणा के बयान अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ चूरू के चुनाव परिणाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के आने वाले सियासी भविष्य को तय करने वाले हो सकते हैं. बीजेपी में सबकी नज़रें इस बात पर टिकी हुई हैं कि अगर ओम बिरला फिर से कोटा बूंदी का चुनाव जीत लेते हैं और केंद्र में बीजेपी की सरकार आती है तो फिर ओम बिरला की भूमिका क्या रहेगी? स्पीकर के बाद क्या उन्हें सरकार में भी रोल मिल सकता है.

बात अगर कांग्रेस की हो तो देश में अगर हिंदी गठबंधन की सरकार बन भी जाती है तो राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के अच्छे दिन आ सकते हैं. दरअसल अगर राजस्थान में कांग्रेस चार से पांच सीटों पर जीत हासिल करती है तो उसका क्रेडिट कांग्रेस के बड़े नेताओं को मिलेगा. पीसीसी चीफ का कद और भी बढ़ सकता है. ऐसे में इतिहास से सचिन पायलट की राजस्थान में भूमिका और बड़ी और अहम हो सकती है. 

रिजल्ट चाहे जो कुछ भी हो लेकिन यह टाइम माना जा रहा है कि राजस्थान की कमान अब सचिन पायलट, डोटासरा, टीकाराम जूली जैसे दिग्गज नेताओं के हाथों में रहने वाली है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत के एक्सपीरियंस को देखते हुए उन्हें केंद्र में संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. 4 जून को ाने वाले परिणामों से राजस्थान के बड़े सियासी नेताओं का भविष्य तय होने वाला है.

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