Sikar Rajasthan Lok Sabha chunav 2024 : सीकर लोकसभा सीट पर भाजपा और गठबंधन उम्मीदवार में सीधा मुकाबला है. जानकारों की मानें तो दोनों के बीच कांटे की टक्कर है. अब देखना ये है, कि सीकर लोकसभा सीट पर जी का ताज किसके सिर सजेगा?
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Sikar Rajasthan Lok Sabha chunav 2024 : राजस्थान की सीकर संसदीय सीट पर भाजपा लगातर हैट्रिक लगाएगी या फिर इंडिया गठबंधन के अमराराम जीतेंगे. इसका फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है. सीकर का सरताज 4 जून को आने वाले परिणामों में जनता ने किसे बनाएगी वह घड़ी नजदीक आ गई है. सट्टा बाजार के परिणाम कितने सटीक रहेंगे यह भी घड़ी नजदीक आ गई है.
सीकर की 14 प्रत्याशियों में मुख्य मुकाबला भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती और इंडिया गठबन्धन के माकपा के कंडीडेट अमराराम के बीच है. 4 जून को सीकर के राजकीय गर्ल्स कॉलेज में मतगणना की तैयारिया पूर्ण कर ली गई है. बस इंतजार है तो 4 जून का. लेकिन आज हम सीकर लोकसभा सीट का राजनीति सफर और क्या है दोनो दलों की जीत के दावों पर बताएंगे.
सीकर लोकसभा सीट से पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल, पूर्व लोकसभा स्पीकर बलराम जाखड़, डा. हरिसिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला लोकसभा का चुनाव जीतकर केंद्र सरकार में बड़े राजनीतिक पदों पर आसीन हुए. सीकर लोकसभा सीट जाट बाहुल्य सीट है. जाट मतदाता के बाद एससी- एसटी, मुस्लिम, राजपूत, ब्राह्मण व महाजन सहित अन्य जातियों के मतदाता हैं. सीकर संसदीय सीट पर इस बार कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं उतरा और इंडि गठबंधन को यह सीट सौंप दी. हालांकि सीकर लोकसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला सहित कई कांग्रेस के दिग्गज नेता है. लेकिन फिर भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतर कर समझौते के तहत इस सीट को माकपा के खाते में दे दी.
गठबंधन की ओर से माकपा के उम्मीदवार किसान नेता अमराराम किसानों, बेरोजगारों व मजदूरों के मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरे. गठबंधन के तहत ही कांग्रेस व माकपा सहित गठबंधन के अन्य दलों ने मिलकर पिछले दो चुनाव से सीकर लोकसभा सीट से जीत दर्ज करवाने वाली भाजपा को हराने के लिए इसबार पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा. वही भाजपा ने सांसद सुमेधानंद सरस्वती हैट्रिक लगाने के तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा. उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में करवाए गए विकास कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे, देशहित, राष्ट्रवाद व केंद्र के विकास कार्यों पर चुनाव लड़ा.
क्या रहे है सीकर सीट के राजनीतिक समीकरण
पिछले 10 चुनावों के राजनीतिक समीकरणों की तो यहां से भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है तो वहीं एक बार भाजपा समर्थित जनता दल और चार बार कांग्रेस के उम्मीदवार इस सीट से जीत चुके हैं. अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी एव सांसद सुमेधानंद सरस्वती और इंडि गठबंधन से सीपीआईएम उम्मीदवार कॉमरेड अमराराम सहित 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. सीकर सीट पर भाजपा प्रत्याशी सांसद सुमेधानंद व गठबंधन उम्मीदवार कॉमरेड अमराराम में सीधा मुकाबला है. राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो दोनों के बीच इसबार कड़ा मुकाबला है. दोनों ही प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा करते हुए पूरी तरह से आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं. लेकिन जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो आगामी 4 जून को मतगणना के बाद ही तय हो पाएगा.
मतदान प्रतिशत कम रहा
लोकसभा चुनाव 2024 में सीकर लोकसभा सीट पर करीब 22 लाख 32 हजार 334 मतदाताओं में से करीब 12 लाख 74 हजार 270 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. इसबार सीकर लोकसभा चुनाव में कुल 57.53% मतदान हुआ था. इसके अलावा बाद में जमा हुए पोस्टल बैलट व ईटीबीपीएस के वोट भी अलग से है. पिछले मतदान प्रतिशत की बात करे तो इस बार करीब 7 प्रतिशत मतदान प्रतिशत कम रहा है. अब देखना यह है कि कम मतदान प्रतिशत का फायदा किसे मिलता है और नुकसान किसको झेलना पड़ता है. इसकी तस्वीर तो 4 जून को साफ होगी.
मतगणना को लेकर प्रशासन की लगभग तैयारियां पूरी
सीकर के राजकीय एसके गर्ल्स कॉलेज में 4 जून को सुबह 8 से मतगणना शुरू होगी. मतगणना को लेकर जिला निर्वाचन विभाग व प्रशासन की ओर से तैयारिया शुरू कर दी गई है. जिला निर्वाचन अधिकारी एव कलेक्टर कमर अल जमान चौधरी ने बताया कि लोकसभा चुनाव की मतगणना सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालय स्थित श्री कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय के परिसर में थ्री लेयर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के साथ शुरू होगी. मतगणना को लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली गई है. सीकर लोकसभा सीट की आठ विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमरों में 14 -14 टेबल मतगणना के लगाई गई है. सभी आठ विधानसभाओ सहित पोस्टल बैलट व ईटीबीपीएस वोटो की गिनती के लिए करीब 175 टेबल्स लगाई गई है. वही लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान विधानसभावार मतों के गिनती के राउंड कुछ इस तरह होंगे:-
मतगणना में करीब 1 हजार से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है. मतगणना स्थल के बाहर नो व्हीकल जोन व नो मूवमेंट जॉन रहेगा. सीकर शहर के पॉपुलर या कॉमन जगह पर एक या दो बड़ी स्क्रीन लगाकर चुनाव परिणाम भी लोगों को दिखाया जाएगा. गर्मी को देखते हुए मतगणना स्थल पर स्टाफ सहित मतगणना में शामिल अन्य लोगों के लिए कूलर, पंखे, ठंडा पेयजल सहित जरूर व्यवस्थाएं भी की गई है. मतगणना स्थल पर सभी आरओ, एसडीएम सहित अधिकारी मौजूद रहेंगे. हर तीन से चार विधानसभा पर सुपरवाइजर अधिकारी लगाए हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने तीन ऑब्जर्वर को मतगणना के लिए लगाया है. तीनों ऑब्जर्वर भी 3 जून को सीकर आ जाएंगे.
सीकर संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभाओं का कुल प्रतिशत
लोकसभा आम चुनाव 2024 में सीकर संसदीय क्षेत्र के करीब 13 लाख मतदाताओं ने मतदान किया. सीकर की आठों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 57.07 प्रतिशत मतदान हुआ हैं. संसदीय क्षेत्र की धोद विधानसभा में सबसे ज्यादा मतदान 62.50 प्रतिशत हुआ तथा सबसे कम मतदान प्रतिशत विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर में 48.64 रहा. विधानसभा क्षेत्र चौंमू में 59.10 प्रतिशत, विधानसभा क्षेत्र खण्डेला में 55.61 प्रतिशत, विधानसभा क्षेत्र सीकर में 61.50 प्रतिशत, विधानसभा क्षेत्र दांतारामगढ़ में 60.84 प्रतिशत, विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में 58.42 प्रतिशत, विधानसभा क्षेत्र नीमकाथाना में 49.91 प्रतिशत मतदान हुआ.
जीत का दावा
भाजपा यहां से जीत का दावा कर रही है. इण्डिया गठबंधन भी इस बार सीकर में परचम फहराने का दावा कर रहा है तो शेखावाटी का सट्टा बाजार यहां से इण्डिया गठबंधन की जीत4के भाव लगा रहा है. सीकर से इंडिया गठबंधन के अमराराम को सट्टा बाजार 35 पास जीत बता रहा है और एक लाख वोटो की जीत के भाव 80 पैसे के भाव है.
जीत-हार के क्या रहेंगे फैक्टर
अगर भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती जीत की हैट्रिक लगाते है तो सुमेधानंद का स्वच्छ छवि ईमानदार सरलता से सभी को सुलभता और पार्टी में निर्विवाद छवि. और पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा राष्ट्रवाद विकास के मुद्दे की जीत होगी. अगर सरस्वती हारते है तो अग्निवीर योजना और लगातर तीसरी बार सरस्वती का चेहरा कोई नयापन नहीं और भाजपा में गुटबाजी इसका प्रमुख कारण रहेगा. वही इंडिया गठबंधन के अमराराम जीतते है तो अमराराम की संघर्ष ईमानदार नेता की छवि किसानों के मुद्दो पर संघर्ष किसान नेता की छवि. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की रणनीति.
डोटासरा ने चुनाव की कमान अपने हाथों में रखी कांग्रेस और माकपा नेताओ और कार्यकृतयो में समंजस्य तालमेल बैठाकर चुनाव की रणनीति से चुनाव लड़ा. जाट मतदातयो को कांग्रेस के पक्ष में करने में अहम भूमिका निभाई और इस चुनाव को धर्म के बजाय जाति के आधार पर बना दिया. साथ ही भाजपा के परंपरागत राजपूत मत्दातायो का भाजपा का विरोध भी प्रमुख कारण इंडिया गठबंधन की जीत के प्रमुख कारण है. अगर इंडिया गठबंधन हारता है तो कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ताओ में आपसी सामंजस्य की कमी प्रमुख कारण रहेगा. कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा ईमानदारी से माकपा को वोट नहीं डलवाना केवल एकजूटता का दिखावा करना प्रमुख कारण होगा.