मेड़ता में धूमधाम से मनाया गया नरसिंह जयंती महोत्सव, चारभुजानाथ मन्दिर में हुआ आयोजन
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मेड़ता में धूमधाम से मनाया गया नरसिंह जयंती महोत्सव, चारभुजानाथ मन्दिर में हुआ आयोजन

नागौर के रियां बड़ी में कोरोना काल के बाद इस बार नरसिंह जयन्ती हर्षोंउल्लास के साथ मनाई गई. रियाबड़ी के सदर बाजार स्थित चारभुजानाथ मन्दिर प्रांगण में नरसिंह जयंती महोत्सव चारभुजा भक्त मंडली ने पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाई गई.

नरसिंह जयंती महोत्सव

Merta: राजस्थान के नागौर के रियां बड़ी में कोरोना काल के बाद इस बार नरसिंह जयन्ती हर्षोंउल्लास के साथ मनाई गई. रियाबड़ी के सदर बाजार स्थित चारभुजानाथ मन्दिर प्रांगण में नरसिंह जयंती महोत्सव चारभुजा भक्त मंडली ने पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाई, जो एक बड़ा रोमांचित पल था. 

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नरसिंह जयन्ती पर नरसिंह अवतार का मेला सामान्य रूप से पहले की तरह और जोश के साथ भरा गया, जिसमें बच्चे महिलाओं और पुरुषों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. लोगों की भीड़ मकानों और दुकानों की छत पर नजर आ रही थी. नरसिंह चतुर्दशी के अवसर पर भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु मलूके और आमजन के बीच कोडेमार रोचक खेल का आयोजन हुआ. 

चारभुजानाथ मन्दिर के प्रांगण में युवा काले वस्त्र धारण कर मुख पर भ्रमित करने वाले मुखौटा लगाए हाथ में एक रस्सी जिसे स्थानीय भाषा में कोलड़ा कहा जाता है लिए भगवान नरसिंह के मेले में भक्त प्रहलाद के दर्शन करने वाले भक्तों पर जुल्म करते हुए नजर आए. एक परंपरा है कि मंदिर में आने वाले भक्तों पर हिरण्यकश्यप के सैनिक के रूप में मलुके इस कोड़े से पिटाई करते नजर आए और यह बड़ा रोमांचक दृश्य था. 

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एक तरफ भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के नाम की माला जप रहे है और दूसरी तरफ हिरणाकश्यप उनको मारने के लिए आतुर हो रहा हैं. आमजन बीच-बचाव करते हुए नजर आ रहे थे. मलुके का कोडेमार रोचक खेल करीब एक घंटे भर चला और उसके बाद संध्या काल में नरसिंह भगवान का अवतार हुआ. सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने नरसिंह भगवान की आरती उतारकर आशीर्वाद लिया और शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर रियाबड़ी चौकी प्रभारी रामचन्द्र भाटी सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा. 

रियांबड़ी निवासी बदरीलाल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब हिरणाकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को मारने की कोशिश की तब विष्णु भगवान ने नरसिंहभगवान खम्बे को फाड़कर प्रकट होकर भक्त प्रहलाद को बचाया. इस दौरान सरपंच गिरधारी लाल सैनी, माणक चन्द पराशर, जुगल मणियार, कैलाश लाहोटी, राजेन्द्र कुमार ओझा, वासुदेव सोनी, भंवरलाल बांगड़ मिठूलाल सहित ग्रामीण मौजूद रहे.

Report: Hanuman Tanwar

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