मारवाड़ जंक्शन से गोरम घाट मावली की ओर जाने वाली मीटर गेज लाइन का ट्रैक अंग्रेजों के समय से बना हुआ है.
Trending Photos
Marwar Juncition: पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन उपखंड की अरावली की पहाड़ियों में आया राजस्थान का छोटा कश्मीर के नाम से विख्यात गोरम घाट इस समय लाखों टूरिस्ट्स की पहली पसंद बना हुआ है. 3 साल बाद अच्छी बरसात के बाद लाखों की तादात में यहां टूरिस्ट पहुंच रहे हैं और अरावली की वादियों और झरनों का लुफ्त उठा रहे हैं. चारों ओर हरियाली हर किसी को अपनी ओर खींचने को मजबूर कर लेती है.
मारवाड़ जंक्शन से गोरम घाट मावली की ओर जाने वाली मीटर गेज लाइन का ट्रैक अंग्रेजों के समय से बना हुआ है. दुर्गम पहाड़ियों को तोड़कर बनाई गई यह मीटर गेज रेलवे लाइन जोधपुर संभाग की एकमात्र मीटर गेज लाइन है. सर्पिलाकार खतरनाक मोड़ से जब ट्रेन गुजरती है तो एक बारगी सांसे थम जाती हैं. अंग्रेजों के समय के बने विशाल पुल एवं पिलरों पर यह मीटर गेज लाइन बिछाई हुई है जो बरसों से ज्यों के त्यों खड़ी है.
लाखों की तादात में टूरिस्ट यहां सावन भादवा महीने में झरनों एवं अरावली की वादियों का लुफ्त उठाने पहुंच रहे हैं. विख्यात भील बेरी झरने को देखने एवं ऐतिहासिक गोरखनाथ धाम के दर्शन करने एवं सर्पिलाकार रेलवे ट्रैक से ट्रेन गुजरते को देखने लाखों लोग पहुंच रहे हैं.
जोधपुर संभाग ही नहीं राजस्थान भर के लोग गोरमघाट पहुंच रहे हैं. सावन मास में हर वर्ष यहां अच्छी बरसात होने के बाद रिकॉर्ड टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं. लोग जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के ऊपर बैठकर अरावली की वादियों का लुफ्त उठाते हैं.
मारवाड़ जंक्शन से लगाकर मावली तक का यह रेलवे ट्रैक अरावली की दुर्गम पहाड़ियों को चीरते हुए बनाया हुआ है. इस ट्रेन पर सफर करने के दौरान यात्रियों की एकबार तो सांसे थम सी जाती है. दोनों ओर सैकड़ों फिट गहरी खाई और उसके ऊपर से ट्रेन का चलना हर किसी का मन मोह लेता है.
Reporter-Subhash Rohiswal
ये भी पढ़ें- खुशखबरी: महाराष्ट्र के बाद राजस्थान के किसानों को तोहफा, जल्द खुद कर सकेंगे गिरदावरी
अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें