बांसवाड़ा क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश होती है. जिसके वजह से यहां पर हरियाली साल भर छाई रहती है. वहीं आप यहां बांसवाड़ा क्षेत्र में जाकर यह अनुभव नहीं कर पाएंगे कि आप राजस्थान जैसे गर्म में प्रदेश में है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप समूह के दौरे के बाद लगातार मालद्वीप से लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गया है ऐसे में आज हम आपको राजस्थान के ऐसे शहर के बारे में बतायेंगे जो 100 टापूओं पर बसा हुआ है क्षेत्र है .
आज हम आपको बतायेंगे राजस्थान के आदिवासी जिले बांसवाड़ा की जो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा चर्चा में है. राजस्थान जैसे रेगिस्तान प्रदेश में इस जिले को 100 दीपों का शहर कहा जाता है क्योंकि यहां पर टापू के रूप में छोटे-छोटे गांव बसे हैं.
ऐसे में आने वाले समय मेंलक्षद्वीप के चर्चा में आने के बाद यह बांसवाड़ा जिला पर्यटन की दृष्टि से एक नया मुकाम हासिल कर सकता है.जानकारी के मुताबिक जिसके लिए पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दिया है. साथ ही सोशल मीडिया पर पर्यटन विभाग ने कई सारे फोटोस और पोस्ट भी डाले हैं.
यह खुबशु्त शहर माही नदी के किनारे बसा हुआ है और इसी नदी की वजह से ही यह 100 से अधिक छोटे-बड़े समूह में बट गया. यही कारण है जिसके चलते यह 100 टापू का शहर भी कहलाता है. माही नदी के कारण सयहां पर चारों तरफ हरियाली छाई रहती है.
जानकारी के मुताबिक बांसवाड़ा क्षेत्र में राजस्थान की सबसे अधिक बारिश भी होती है. इसी वजह से यहां पर हरियाली सालों-साल छाई रहती है वहीं आप यहां इस शहर ह अनुभव नहीं कर पाएंगे कि आप राजस्थान जैसे गर्म में प्रदेश में है.