CM गहलोत के एक ट्वीट के बाद मुंह में घास रखकर वीरांगनाओं ने किया CMR कूच, किरोड़ी ने दी चेतावनी
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CM गहलोत के एक ट्वीट के बाद मुंह में घास रखकर वीरांगनाओं ने किया CMR कूच, किरोड़ी ने दी चेतावनी

Kirodi Lal Meena News : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट के तुरंत बाद हुई. इस दौरान पुलिस ने वीरांगनाओं रोक कर समझाइश की कोशिश भी की. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि एक वीरांगना ने कहा,हम नहीं चाहते कि प्रदर्शन उग्र हो. गुर्जर आंदोलन में 13 मृतक परिवारों में देवर, भतीजों आदि सदस्यों को नौकरी दी गई थी. जब वहां दे सकते हैं तो यहां देने में क्या दिक़क्त है?

CM गहलोत के एक ट्वीट के बाद मुंह में घास रखकर वीरांगनाओं ने किया CMR कूच, किरोड़ी ने दी चेतावनी

Kirodi Lal Meena News : जयपुर में पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले जवानों की वीरांगनाओं ने एक बार फिर जमकर हंगामा किया. पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर धरने पर बैठी वीरांगनाओं ने अचानक मुख्यमंत्री आवास की ओर कुछ कर दिया जिसके बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया. यह घटना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट के तुरंत बाद हुई. इस दौरान पुलिस ने वीरांगनाओं रोक कर समझाइश की कोशिश भी की. 

 दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी करते हुए कहा कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है? जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या? जिसके बाद सचिन पायलट के आवास के बाहर धरने पर बैठी वीरांगनाओं ने मुंह में घास रख कर सीएम आवास की ओर कूच कर दिया. 

इस दौरान वीरांगनाओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई. पुलिस ने वीरांगनाओं को राजभवन चौराहे पर पुलिस ने रोक लिया. जहां वीरांगनाओं ने सीएम आवास की ओर दंडवत प्रणाम भी किया. इस दौरान डॉ किरोड़ी लाल मीणा मौके पर पहुंच गए. एक वीरांगना ने कहा कि हमें पता कि हमारा घर कैसे चल रहा है. हम अपने देवर को नौकरी दिलाना चहाते हैं इसमें क्या हम मुख्यमंत्री के बेटे की नौकरी छीन रहे? हालांकि घटनाक्रम के बीच वीरांगना सुंदरी की तबीयत भी बिगड़ गई. फिलहाल किसी तरह मामला शांत करवाया गया है. 

भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि एक वीरांगना ने कहा, "हमें पता कि हमारा घर कैसे चल रहा है. हम अपने देवर को नौकरी दिलाना चहाते हैं इसमें क्या हम मुख्यमंत्री के बेटे की नौकरी छीन रहे?" यह सिर्फ मुख्यमंत्री जी से मिलना चाहती हैं लेकिन वह 10 दिनों से नहीं मिल रहे. हम नहीं चाहते कि प्रदर्शन उग्र हो. गुर्जर आंदोलन में 13 मृतक परिवारों में देवर, भतीजों आदि सदस्यों को नौकरी दी गई थी. जब वहां दे सकते हैं तो यहां देने में क्या दिक़क्त है?

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