राजस्थान में बीजेपी का इन 7 नेताओं के सहारे बड़ा गेम प्लान, अशोक गहलोत को देंगे चुनौती
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राजस्थान में बीजेपी का इन 7 नेताओं के सहारे बड़ा गेम प्लान, अशोक गहलोत को देंगे चुनौती

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बड़ी योजनाओं और आक्रामक प्रचार अभियान को काउंटर करने लिए बीजेपी ने जयपुर से लेकर अलवर और भरतपुर से लेकर बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर और बीकानेर के साथ साथ कोटा और उदयपुर संभाग तक नेताओं की बड़ी फौज तैयार करने शुरू की है. जो पार्टी के जातिगत वोटर को साधने का काम करेंगे.

राजस्थान में बीजेपी का इन 7 नेताओं के सहारे बड़ा गेम प्लान, अशोक गहलोत को देंगे चुनौती

Rajasthan Election 2023 : 

राजस्थान में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है. अशोक गहलोत जहां अपनी योजनाओं के सहारे सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए है तो वहीं बीजेपी येदावा कर रही है कि सत्ता विरोधी लहर है प्रदेश में और भाजपा की वापसी होगी. इधर नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इन दिनों फील्ड में काफी एक्टिव है. राजेंद्र राठौड़ से लेकर वसुंधरा राजे और किरोड़ीलाल मीणा समेत तमाम नेताओं ने पूरी ताकत लगा रखी है. पार्टी जातिगत वोट को साधने के लिए ऐसे नेताओं को आगे लाने की तैयारी कर रही है. जो सामाजिक गणित को पार्टी के पक्ष में कर सके.

ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष

राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे सीपी जोशी ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखे जा रहे है. पार्टी ने अपने मूल वोटर को साधने के लिए चित्तौड़गढ़ सांसद को ही प्रदेश संगठन की कमान दे दी है.

राजपूत वोटर पर नजर

बीजेपी संगठन का ये मानना है कि जिन सीटों पर क्षत्रीय निर्णायक भूमिका में होते है. वो सीट उनके हिस्से ही जाती है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को चुनावों से ठीक पहले प्रमोशन देकर नेता प्रतिपक्ष बनाया है. शेखावाटी से आने वाले राठौड़ का सीकर, चुरू, झुंझुनूं समेत कई जिलों में सीधा प्रभाव है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के प्रभाव को काउंटर करने में भी राठौड़ फैक्टर काम कर सकता है.

जाट वोटर सतीश पूनिया के भरोसे

बीजेपी ने सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भले ही कार्यकाल को विस्तार न दिया हो. लेकिन पूनिया को लगातार बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. कर्नाटक चुनाव में भी प्रचार के लिए पूनिया को भेजा गया. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी. पार्टी को उम्मीद है कि पूनिया के सहारे जाट वोटर पार्टी से जुड़ा रहेगा. पूनिया पहली बार के विधायक है. फिर भी पार्टी ने उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाया. उसके बाद अब उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी दी है.

मेघवाल वोटर साधेंगे अर्जुनराम मेघवाल

बीकानेर सासंद अर्जुनराम मेघवाल केंद्र सरकार में मंत्री है. मोदी कैबिनेट में मंत्री पद संभाल रहे मेघवाल के जरिए पार्टी एक बड़े वोटबैंक को साधना चाहती है. विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जालोर, बीकानेर, पाली और नागौर जिलों में मेघवाल वोटर बड़ी संख्या में है.

विजय बैंसला के सहारे गुर्जर

राजस्थान में कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थामा था. चूंकि अब किरोड़ी बैंसला का निधन हो गया है ऐसे में पार्टी उनके बेटे विजय बैंसला को आगे बढ़ा सकती है. राज्य में करीब 75 सीटें ऐसी है जहां MBC वर्ग और गुर्जर निर्णायक भूमिका में है. भीलवाड़ा में जब पीएम मोदी की सभा हुई थी. उसमें भी विजय बैंसला ने सकारात्मक भूमिका निभाई थी.

अलवर सांसद बालकनाथ पर जिम्मा

बीजेपी ने राजस्थान में नाथ वोटर को साधने के लिए अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को आगे बढ़ाना शुरु किया है. करीब एक महीना पहले दिल्ली में बालकनाथ की एक बड़े नेता के साथ हुई मुलाकात की भी सियासी गलियारों में चर्चा है. फिलहाल बड़ी चर्चाओं को कयास मात्र माने तो भी पार्टी अलवर, जयपुर और सीकर की सीटों पर नाथ वोटर को अपने साथ लाने के लिए बालकनाथ के चेहरे को भी आगे बढ़ाएगी.

बाबा साधेंगे मीणा वोटर

पूर्वी राजस्थान में भरतपुर धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर समेत करीब 35 सीटों पर जहां बीजेपी कमजोर है. उसमें से कई सीटें ऐसी है जहां मीणा वोटर निर्णायक रहते है. ऐसे में पार्टी इन इलाकों में किरोड़ीलाल मीणा को आगे कर रही है. मीणा की नाराजगी हो या उनकी सलाह. पार्टी आलाकमान बातों को गंभीरता से लेता है.

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