Jaipur news: सियासी जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जादू की झप्पी से जयपुर जिला चार जिलों में बंटने के साथ जिले का भूगोल बदल गया हैं. जयपुर जिले से टूटकर बने जयपुर और जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली अब नया पडौसी जिला हो गया हैं. अब इन चार जिलों में चार कलक्टर बैठेंगे. वहीं चार जिला परिषद बनेंगी, जिनमें चार सीईओ होंगे.
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Jaipur: राजस्थान में जिलों की हाफ सेंचुरी हो गई हैं. अब राजस्थान में 33 से बढकर 50 जिले और सात से बढकर दस संभाग होने से पूरा नक्शा बदल गया हैं. नए जिले बनाने के लिए राजधानी जयपुर को दूसरी बार तोड़ा गया है. इससे पहले 1991 में दौसा को जयपुर से अलग कर जिला बनाया गया था. अब जयपुर जिले को फिर से 32 साल बाद चार जिलों में बांट दिया गया हैं. अब जयपुर जिले से टूटकर बने जयपुर, कोटपूतली-बहरोड, दूदू और जयपुर ग्रामीण जिला अस्तित्व में आ गया हैं. 7 अगस्त को प्रभारी मंत्री सर्वधर्म सभा,पूजा पाठ कर नए जिलों के स्थापना करेंगे.
जयपुर के मूल नाम से नहीं ही गई छेड़छाड़
जयपुर के मूल नाम से कोई छेडछाड नहीं की गई हैं. पहले जयपुर शहर नए जिले का नाम करने की चर्चा थी. जयपुर से टूटकर बना दूदू जिला राजस्थान का सबसे छोटा जिला रहेगा. जिसमें तीन उपखंड और एक विधानसभा क्षेत्र रहेगा. वहीं अब जयपुर संभाग में जयपुर, बहरोड-कोटपूतली, खैरथल, जयपुर ग्रामीण, दूदू, दौसा और अलवर जिला आएगा. इसमें सबसे ज्यादा पॉवरफुल और सबसे बडा क्षेत्र जयपुर कलक्टर के कंधों पर रहेगी. वहीं जयपुर के कलक्टर का काम मॉनिटरिंग और प्रॉटोकॉल का ज्यादा रहेगा. क्योंकि जयपुर में नगर निगम, जेडीए का क्षेत्र हैं. जिसमें कलक्टर का ज्यादा दखल नहीं रहता हैं.
स्थायी पता में जिला बदलना होगा
उधर इसके इतर जयपुर जिले के चार भागों में बंटने से सभी लोगों को दस्तावेजों में स्थायी पता में जिला बदलना होगा. एक्सपर्ट की माने तो आधार कार्ड से लेकर जनाधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पासपोर्ट सहित अन्य सभी दस्तावेज में बदलाव करवाना होगा. 2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित अभी जयपुर जिला कलक्टर हैं. विभाजन के बाद कोटपूतली-बहरोड और दूदू अलग जिला बन गया हैं. साथ ही जयपुर भी दो जिलों में विभक्त हो गया हैं. अविभाजित जयपुर जिले के प्रकाश राजपुरोहित आखिरी जिला कलक्टर होंगे. बशर्ते कि विभाजन की प्रकिया पूरी होने तक उनको बदला नहीं जाए. और इलेक्शन कमीशन इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार आगामी दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव पुराने जिलों में लगे कलक्टर ही करवाएंगे.
जानिए नए जिलों में कौन-कौन सी रहेंगी तहसील
जिला नाम-जयपुर ग्रामीण
जिला नाम-जयपुर
जिला नाम-बहरोड-कोटपूतली
जिला नाम- दूदू
नए जिलों के गठन का राज्य सरकार का निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से उचित लग रहा है. नए जिले बनाने से सुविधाएं बढ़ेंगी. लोगों को प्रशासनिक काम में आसानी होगी. प्रशासन के विक्रेंद्रीकरण से तंत्र को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने में मदद मिलेगी. भौगोलिक दृष्टि से अभी दूरियां बहुत थी. जिला मुख्यालय दूर होने से लोगों का स्वाभाविक रूप से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब उम्मीद की जानी चाहिए कि जिला मुख्यालय निकट होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. बड़े जिले अथवा जिला मुख्यालय से दूरी कई बार अपराधों की रोकथाम में सरकार की असफलता का बड़ा कारण रही है.
नए जिलों से प्रशासनिक दक्षता में होगी
वृद्धि
नए जिलों की स्थापना से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होगी. इससे क़ानून व्यवस्था में सुधार होगा. यह एक तरह से प्रशासन को जनता के द्वार तक ले जाने वाला कदम ही माना जाना चाहिए. .नए अस्पताल, नए परिवहन कार्यालय, नए उपखंड आदि की स्थापना से सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ेंगे. जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए नए राज्य मार्ग बढ़ेंगे. .इससे प्रशासन की गति तथा रिस्पोंस में तीव्रता आएगी. ये जिलों की स्थापना से लोकसभा या विधानसभा सीटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
नए जिले बनाना राज्य सरकार का क्षेत्राधिकार है, जबकि लोक सभा व विधान सभा सीटों का निर्धारण केंद्र सरकार के हाथ में है. नए जिले तथा नए संभाग की स्थापना से सुविधाओं के विस्तार की संभावना है. अब सरकार के पास सुनियोजित आधारभूत ढांचे के विकास का भी अवसर है. नए जिलों में एक स्थान पर ही सभी कार्यालय स्थापित कर सरकार एक नई प्रकार की गवर्नेंस दे सकती है. इससे जनता को दूर दूर तक शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे. लेकिन इसके लिए सरकार को संकल्पित होकर कार्य करना होगा. एक ही छत के नीचे सभी सरकारी कार्यालय अथवा एक स्थान पर ही सभी कार्यालय की स्थापना से शहरों को व्यवस्थित किया जा सकेगा.
नए जिलों से होगी सुगमता
बहरहाल, इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी और आमजन की सुगमता बढेगी. विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग अधिक प्रभावी ढंग से होगी. जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा. प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक जिला प्रशासन एवं उसके माध्यम से सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी. जिससे इन क्षेत्रों के लोगो की समस्याओं का शीघ्र निराकरण होगा. दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर
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