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Modi Cabinet expansion : 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले इस साल के अंत में राजस्थान समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होंगे. इन विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, लिहाजा ऐसे में भाजपा इस सेमीफाइनल के लिए तैयारी में जुटी हुई है. इसी कड़ी में केंद्र की मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार और भाजपा में संगठन विस्तार होना है, ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान से 2 मंत्री ड्रॉप हो सकते हैं जबकि 2 नए मंत्री बनाए भी जा सकते हैं.
दरअसल सरकार और संगठन को चुनाव से पहले एक्शन मोड में लाने के लिए बदलाव की चर्चाएं हैं, ऐसे में राजस्थान से दो सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत (क्षत्रिय राजपूत), भूपेंद्र सिंह यादव (ओबीसी), अर्जुन राम मेघवाल (एससी), कैलाश चौधरी (ओबीसी जाट) केंद्रीय मंत्री हैं. साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (वैश्य समाज) भी हैं, इसके अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी भी राजस्थान से ही संबंध रखते हैं, हालांकि वैष्णव उड़ीसा कोटे से मंत्री हैं.
इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के उद्घोष से पहले होने वाले इस मंत्रिमंडल फेरबदल में राजस्थान के सांसदों को जगह मिल सकती है, वहीं 1-2 मंत्री ड्रॉप कर संगठन में भेजे जा सकते हैं.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमेशा आंदोलन के लिए तत्पर रहने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का नाम सबसे ऊपर है. किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी समाज से संबंध रखते हैं और मीणा समाज में उनका बड़ा जनाधार माना जाता है. वहीं पूर्वी राजस्थान से होने के चलते भी किरोड़ी मीणा का दावा मजबूत होता है. मोदी कैबिनेट में फिलहाल पूर्वी राजस्थान से एक भी मंत्री नहीं है.
भरतपुर से सांसद रंजीता कोली को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. एससी और दलित वोटर्स पर भाजपा का पूरा फोकस है, ऐसे में एससी कोटे से आने वाली रंजीता कोली की किस्मत खुल सकती है, वहीं राजस्थान से एक भी महिला नेत्री मंत्रिमंडल में नहीं है, ऐसे में इसके जरिए महिलाओं को भी साधा जा सकता है. रंजीता कोली भी पूर्वी राजस्थान से ही संबंध रखती हैं, ऐसे में उनका दावा भी मजबूत दिखाई पड़ता है. हालांकि पूर्वी राजस्थान से सिर्फ एक ही मंत्री बनाए जाने के कयास हैं.
पाली से सांसद पी पी चौधरी का नाम भी नए मंत्रियों की दौड़ में चल रहा है. चौधरी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कानून, न्याय और कॉर्पोरेट मामलात के मंत्री रह चुके हैं. साथ ही चौधरी कई लोकसभा समितियों के भी सदस्य हैं. चौधरी की पहचान पीएम मोदी के गुड बुक्स में है. चौधरी ने अपने संसदीय क्षेत्र में भी अच्छा काम किया है, जिसका फीडबैक केंद्रीय नेतृत्व के पास है. हालांकि चौधरी की दावेदारी थोड़ी कमजोर भी है, क्योंकि मारवाड़ से पहले ही मंत्रिमंडल में तीन मंत्री हैं. वहीं पी पी चौधरी के विरोधियों की भी एक लंबी फेहरिस्त है.
कुल मिलाकर मोदी मंत्रिमंडल में का अगले सप्ताह विस्तार हो सकता है ऐसे में इन तीन प्रमुख नेताओं के अलावा कई अन्य सांसदों के भी नाम चल रहे हैं, जिनमें भागीरथ चौधरी और सुमेधानंद सरस्वती का भी नाम शामिल है, भाजपा चुनावों से पहले जातीय और सियासी समीकरण को ध्यान में रखते हुए विस्तार करना चाहती है. इस विसतार को मोदी सरकार का अंतिम फेरबदल भी माना जा रहा है.
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