Rajasthan Politics:विकास कार्यों को लेकर BJP और कांग्रेस में छिड़ी जुबानी जंग,MLA राजेंद्र पारीक ने कहा-काम हमने करवाई और क्रेडिट भाजपा....
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Rajasthan Politics:विकास कार्यों को लेकर BJP और कांग्रेस में छिड़ी जुबानी जंग,MLA राजेंद्र पारीक ने कहा-काम हमने करवाई और क्रेडिट भाजपा....

Rajasthan Politics: सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा काम हमने करवाई और क्रेडिट भाजपा लेने की कोशिश कर रही है. यह तो वह बात हो गई परसों पीड़ा सह कोई और फिर अस्पताल से बच्चा चुरा कर ले जाए कोई. 

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Rajasthan Politics:राजस्थान के सीकर शहर के नवलगढ़ रोड स्थित रेल्वे ओवर ब्रिज को फोरलेन करने के प्रोजेक्ट के बजट को लेकर भाजपा व कांग्रेस नेताओं में श्रेय लेने की होड़ मच गई है. वहीं दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर प्रोजेक्ट बजट के कारण कार्य को डिले करवाने के आरोप भी लगातार पिछले लंबे समय से लगाते आ रहे हैं. 

वहीं बीते दिन यूडीएच मंत्री के कांग्रेस सरकार की ओर से फोरलेन पुलिया को डिले करवाने के आरोप के बाद सोमवार एक बार मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है. यूडीएच मंत्री के बयान के बाद सीकर विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पारीक और सीकर के पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती के बीच जुबानी जंग छिड़ गई. 

दोनों नेताओं ने शहर के नवलगढ़ रेलवे पुलिया के फोरलेन निर्माण के बजट को लेकर एक दूसरे पर जमकर निशाना साधते हुए प्रसव पीड़ा, अस्पताल से बच्चा चोरी करने और अनाथ बच्चे का पालन पोषण करने जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल करते हुए कई उदाहरण दिए. 

सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा काम हमने करवाई और क्रेडिट भाजपा लेने की कोशिश कर रही है. यह तो वह बात हो गई परसों पीड़ा सह कोई और फिर अस्पताल से बच्चा चुरा कर ले जाए कोई. उन्होंने पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती और भाजपा के नेताओं पर श्रेय लेने के आरोप जड़े. 

वहीं विधायक राजेंद्र पारीक के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा बच्चा पैदा करके उसको अनाथ मत छोड़ो. कोई प्रोजेक्ट बनाते हो तो उसको पूरा किया करो. उनको तो भाजपा का आभार व्यक्त करना चाहिए जो अपने प्रोजेक्ट रूपी बच्चा पैदा किया हम उसकी पालना पोषणा कर रहे हैं. आप उसको अनाथ छोड़ देते हैं तो अनाथ बच्चों की पालना पोषाणा करना एक मानवता है और हम तो मानवता का निर्वहन कर रहे हैं. उसका उल्टा दोषारोपण न करें.

सीकर विधायक राजेंद्र पारीक ने शहर के नवलगढ़ रोड के फोरलेन पुलिया के प्रोजेक्ट को लेकर कहा आज सुबह अखबार में जब खबर देखी कि नवलगढ़ पुलिया का निर्माण कार्य कांग्रेस की वजह से डिले हुआ. इसलिए मेरा इस विषय में कहना है कि नवलगढ़ पुलिया के निर्माण की स्वीकृति तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 में की थी. 

इसके बाद में इसमें ऐसे कई इश्यू थे. जिसमें भूमि अधिग्रहण, रेलवे की कई डिमांड और पैसे जमा की बात थी. जब इस बारे में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रोजेक्ट के बारे में वापस से जानकारी दी गई कि इस पुलिया के निर्माण में कई तरह के व्यवधान की स्थिति बन रही है और यह पुलिया बीच में ही रुक जाएगा. तत्कालीन मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत करवाया गया तो उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस पुलिया का निर्माण होना है और बजट की कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. 

दोबारा जब इसके बारे में चर्चा की तो तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 83.1 करोड़ रुपये इसके लिए स्वीकृत किए और इसमें सारे प्रोविजन व खर्चे शामिल थे. थोड़े दिनों बाद चुनावी आचार संहिता लागू हो गई. रेलवे के साथ सबसे लंबे समय से जो मुद्दा चल रहा था वह यह था कि रेलवे जो करीब 8.50 करोड रुपए मांग रही है वह नाजायज है. 

क्योंकि जिस फाटक का बंद होने का खर्चा रेलवे पुनः मांग रहा था उस फाटक के बंद होने का खर्चा 2004 में जब नवलगढ़ रोड का पुलिया बना था उस समय दे दिया था. अब वापस से उन्हें पैसे नहीं लेने चाहिए और रेलवे ने घुमा फिरा कर वापस से पैसे मांगने का इशू खड़ा कर दिया. प्रोजेक्ट को लेकर वित्तीय प्रावधान किया हुआ था. 

इसलिए 18.4.2024 को पुनः मुख्य सचिव ने मीटिंग ली और मीटिंग के बाद यह टाइअप हुआ कि अगर रेलवे नहीं मानती है तो प्रोजेक्ट डिले नहीं होना चाहिए. क्योंकि वित्तीय स्वीकृति इसमें है अलग से कोई प्रोविजन नहीं करने पड़ेंगे. रेलवे को पैसा ट्रांसफर किया गया और तुरंत अंडरटेकिंग दी गई. रेलवे की स्वीकृति के बाद नवलगढ़ रेलवे पुलिया के निर्माण का रास्ता साफ हुआ. विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा सितंबर या अक्टूबर तक इसका कार्य शुरू हो जाएगा. 

विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा नवलगढ़ पुलिया फोरलेन के निर्माण बजट का काम हमने करवाया और क्रेडिट भाजपा लेने की कोशिश कर रही है. विधायक पारीक ने कहा अगर निवर्तमान सांसद चाहते तो रेलवे के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर करीब 8.50 करोड़ रुपये का खर्चा बचा सकते थे और सरकार का अनावश्यक पैसा खर्च नहीं होता. सरकार का वह पैसा अन्य किसी प्रोजेक्ट में खर्च होता. विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा उनकी ऐसी प्रवृत्ति है कि श्रेय कैसे ले. लेकिन यहां बात है श्रेय लेने की नहीं है.

यह जन्मभूमि हमारी सब की है. इसलिए सबको मिलकर काम करना चाहिए. विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा आज जब मैंने सुबह अखबार में यह सब पड़ा तो मुझे लगा अस्पताल से बच्चा चोरी हो गया, प्रसव पीड़ा कोई सहे और अचानक कोई आकर यह कह दे कि यह बच्चा तो मेरा है. इस प्रवर्ति से मुक्त होकर हम शहर के कामों में कितना ज्यादा अपने आप को इंवॉल्व करें सके यह सोचना चाहिए. 

मुझे अगर उनकी जरूरत होगी तो मैं उनके पास जाऊंगा और अगर उन्हें मेरी जरूरत है तो वह मेरे पास आए. हम सब मिलकर शहर का विकास करें. यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है अगर कोई यह दावा करे कि मैं अकेला शहर का विकास कर दूंगा तो यह असंभव है. इसलिए हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि मिलजुल कर शहर का विकास करें और शहर में अधिक से अधिक विकास के कार्य हो.

वहीं सीकर विधायक पारीक के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व सांसद समेधांनन्द सरस्वती ने मुझे जानकारी मिली है कि पत्रकारों से विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा पुलिया का यह प्रोजेक्ट कांग्रेस का था और भाजपा इसका श्रेय ले रही है. 

उन्होंने विधायक पारीक की ओर इशारा करते हुए कहा मैं निवेदन करना चाहता हूं कि वह 5 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर देते तो हमें इसका श्रेय लेने की आवश्यकता नहीं थी. लेकिन वह 5 साल में प्रोजेक्ट बनाते रह जाते हैं. काम ना तो वह शुरू करते हैं, ना पूरा करते हैं और वह पूरा हमें करना पड़ता है. विधायक राजेंद्र पारीक के प्रसव पीड़ा व बच्चा चोरी करने जैसे बयान के सवाल पर पूर्व सांसद सुमेधांनन्द सरस्वती ने पलटवार करते हुए कहा मेरा पारीक साहब से निवेदन है कि बच्चा पैदा करके उसको अनाथ मत छोड़ो, कोई प्रोजेक्ट बनाते हो तो उसको पूरा किया करो. 

उनको तो भारतीय जनता पार्टी का आभार व्यक्त करना चाहिए जो अपने प्रोजेक्ट रूपी बच्चा पैदा किया है हम उसकी पालना पोषणा कर रहे हैं. आप उसको अनाथ छोड़ देते हैं तो अनाथ बच्चों की पालना पोषाणा करना एक मानवता है. हम तो मानवता का निर्वहन कर रहे हैं. उसका उल्टा दोषारोपण न करें. 

उनको सोचना चाहिए कि हम उतना ही प्रोजेक्ट बनाएं जितना पूरा कर सकते हैं. राज्य सरकार के करीब 8.50 करोड रुपए अनावश्यक रेलवे में जमा करवाने के विधायक राजेंद्र पारीक के बयान पर पूर्व सांसद ने कहा अगर उनके पास ऐसा कोई पैसे जमा करने का सबूत है तो वह मुझे लाकर दे.

पूर्व सांसद ने कहा मैं खुद रेल मंत्री के पास जाकर निवेदन करूंगा कि इस भूमि का पैसा सरकार पहले जमा कर चुकी है. इसलिए आप इसी पैसे से काम चलाये. इसके साथ ही अगर पैसा बचत तो हमारी सरकार को भी फायदा होगा. अगर उनके पास रेलवे को पैसा जमा करने के सबूत है तो हमें उपलब्ध करवाए.   

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