प्रतापगढ़ शहर के एक ऐसे फोटोग्राफर के बारे में आपको बताते हैं, जिनके पास साल 1965 से लेकर अब तक के सभी कैमरे उपलब्ध हैं.
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Pratapgarh: राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर के एक ऐसे फोटोग्राफर के बारे में आपको बताते हैं, जिनके पास साल 1965 से लेकर अब तक के सभी कैमरे उपलब्ध हैं. शहर के सदर बाजरा के पंकज सोलंकी के पास कई सालों पुराने कैमरे आपको देखने को मिल जाएंगे.
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इन कैमरों को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. पंकज सोलंकी बताते है कि उनके यहां पुरखों से फोटोग्राफी का काम चलता आ रहा है. साल 1965 से लेकर साल 2020 तक के सभी कैमरे उनके यहां उपलब्ध हैं. मोबाइल के युग में भी उन्होंने अपनी फोटोग्राफी को जीवित रखा है.
फोटोग्राफी का आविष्कार जहां संसार को एक-दूसरे के करीब लाया वहीं, एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति को समझने और इतिहास को समृद्ध बनाने में भी बहुत बड़ी मदद की है. आज हमें संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी से प्राप्त होती है तो इसमें फोटोग्रोफी के बड़ा योगदान है. फोटोग्राफी की मदद से हम इतिहास को भी संजो कर रख सकते हैं.
एक तस्वीर अपने अंदर लम्हे, यादें, अनगिनत भावनाएं और विचार समेटे हुए होती है. इसी वजह से एक तस्वीर को हजार शब्दों के बराबर माना जाता है. यह भावों को तेजी से और कई बार शब्दों से बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकती है. फोटोग्राफी एक व्यापक विषय है. कुछ शब्दों में इसके सार को पिरो पाना मुश्किल है. आम लोगों की भाषा में यह प्रकाश को कैद करने की कला है, जिससे तस्वीर बनती है.
आज के समय में पांच में से कम से कम एक व्यक्ति को फोटोग्राफी का शौक होता है. इसका मुख्य कारण तकनीक में हो रहा विकास है. इसके अलावा आज की पीढ़ी को तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करना पसंद है साथ ही फोटोग्राफी के कई प्रकार हैं.
Reporter: Vivek Upadhyay