Pratapgarh news: केसरपुरा ग्राम पंचायत के साबाखेड़ा गांव में चरनोट भूमि पर बने मकानों के आवासीय पट्टे जारी करने की मांग को लेकर मिनी सचिवालय पर घुमंतू कालबेलिया समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में गांव के अन्य लोगों पर छुआछूत का आरोप भी लगाया गया.
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Pratapgarh news: कालबेलिया समाज के पप्पूनाथ कालबेलिया ने बताया कि जिले की केसरपुरा ग्राम पंचायत के साबाखेड़ा गांव में कालबेलिया समाज के 35 परिवार लंबे समय से रह रहे हैं. इन सभी परिवारों का 1981 से मतदाता सूची में भी नाम दर्ज है और राशन कार्ड भी बने हुए हैं .तत्कालीन खोरिया ग्राम पंचायत द्वारा कालबेलीया परिवार के इन लोगों को आवासीय पट्टे भी जारी किए हुए हैं. कुछ लोगों ने मेहनत मजदूरी कर तो कुछ ने इंदिरा आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना रखे हैं. ग्राम पंचायत की ओर से इन घरों में पेयजल सप्लाई के लिए कुआं और टंकी भी बनाई गई है.
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विद्युत कनेक्शन सब मकानों पर है .इन परिवारों का खाद्य सुरक्षा योजना में भी नाम दर्ज है .यहां पर निवासरत परिवारों के बच्चे बस्ती में स्थित विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ाई कर रहे हैं. आवागमन के लिए इस बस्ती में सड़क भी बनी हुई है लेकिन गांव के ही कुछ लोगों ने राजनीतिक द्वेषता रखते हुए सरपंच के साथ मिलकर कालबेलिया समाज के लोगों को इस भूमि से हटाने के लिए षड्यंत्र रचा है. इन लोगों द्वारा हाईकोर्ट में गलत तथ्य पेश कर बस्ती को हटाने के आदेश करवाए हैं.
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राज्य सरकार की ओर से भी चरनोट भूमि पर बस्ती बनाकर रहने वाले लोगों के लिए आवासीय पट्टे जारी करने की नियमावली तैयार की गई थी लेकिन उस पर भी इन्होंने रोक लगवा दी. हाईकोर्ट द्वारा जो आदेश दिया गया है उससे यह सभी परिवार बेघर हो जाएंगे और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होंगे. कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान में साबाखेड़ा गांव की आबादी का जिस तरह से विस्तार हुआ है उसके लिए नियमानुसार और जमीन की आवश्यकता है. इस चरनोट की भूमि को आवासीय भूमि में रूपांतरित करने के आदेश जारी किए जाएं. ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगर उनको बेघर किया जाता है तो परिवार के सभी लोग सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे जिसकी जवाबदेही प्रशासन की होगी.
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