प्रतापगढ़ में हैवी ब्लास्टिंग से मकानों पर आ रही दरारें, माइंस को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा, 2500 की आबादी प्रभावित
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प्रतापगढ़ में हैवी ब्लास्टिंग से मकानों पर आ रही दरारें, माइंस को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा, 2500 की आबादी प्रभावित

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में हैवी ब्लास्टिंग से मकानों पर दरारें आ रही हैं. मकानों की दरारें देखकर ग्रामीणों में गुस्सा है. आपको बता दें  धरियावद उपखंड क्षेत्र में खनन कार्य से 2500 संख्या की ग्रामीण आबादी प्रभावित है. आखिर प्रशासन कोई बड़ा कदम क्यों नहीं उठा रहा है? यदि जल्द एक्शन नहीं लिया गया तो मामला और भी बढ़ सकता है.

 

प्रतापगढ़ में हैवी ब्लास्टिंग से मकानों पर आ रही दरारें, माइंस को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा, 2500 की आबादी प्रभावित

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के दक्षिण दिशा में धरियावद उपखंड क्षेत्र में कई लाइम स्टोन, सोप स्टोन के साथ खनिज संपदा उपलब्ध हैं. माइनिंग क्षेत्र होने से जहां विकास होना चाहिए, लेकिन पूरा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इस को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने रोष जताया है. जिसमें बताया गया कि पारसोला के समीप ग्राम पंचायत देवला के बड़लिया फला में लाइम स्टोन माइंस ठेके पर संचालित है.

माइंस करीब 500 फीट गहरी है

इस माइंस पर ना तो सुरक्षा व्यवस्था है, ना ही माइंस से ग्राम पंचायत क्षेत्र में सामाजिक सरोकार के कार्य करवाए. माइंस करीब 500 फीट गहरी है. माइंस पर दिन-रात हेवी ब्लास्टिंग करने व ब्रेकर मशीनों से लगातार पत्थर फोड़ने का काम हो रहा है. लाइम स्टोन माइंस के पास करीब ढ़ाई हजार की आबादी निवास करती है.

चार करोड़ रुपए की लागत से पानी की टंकी भी क्षतिग्रस्त !

इस फले के सूरजमल, पुरीलाल सहित कई लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में बने पक्केमकान में दरारें पड़ गई हैं. पास ही सरस्वती निजी विद्यालय में दीवार दरक गई है. माइंस के समीप प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत बनी चार करोड़ रुपए की लागत से पानी की टंकी भी हैवी ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त हो सकती है.

गांव के विकास में सहयोग नहीं

देवला ग्राम में भूजल स्तर तह तक पहुंच गया है. गत एक वर्ष में ग्राम पंचायत में लगे सरकारी हैंडपंप का पानी सूख गया है. ग्राम पंचायत के सरपंच राधकी ने बताया कि कई वर्षों से गांव में माइंस चल रही है. लेकिन कभी माइंस प्रबंधन ने गांव के विकास में सहयोग नहीं किया. डीएमएफटी की राशि का भी कभी गांव में उपयोग नहीं किया गया.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि माइंस पर स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता है. इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी ललित बाचरा ने बताया कि नियमों को दरकिनार कर माइंस चलाई जा रही हैं तो टीम बनाकर जानकारी प्राप्त कर कार्यवाही की जाएगी.

माइंस बहुत गहराई में चल रही

वहीं, दूसरी ओर सरपंच राधकी मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायत के आमली फला में संचालित लाइम स्टोन की माइंस बहुत गहराई में चल रही है.जिससे पेयजल संकट बना हुआ है. साथ ही माइंस प्रबंधन द्वारा ग्राम पंचायत में किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं करवाया जाता हैं. इस को लेकर ग्रामीणों की ओर जिला कलेक्टर व खान विभाग प्रतापगढ़ को ज्ञापन भी दिया जाएगा.

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 रिपोर्टर- हितेष उपाध्याय

 

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