खंडार: शांत हुआ चंबल का रौद्र रूप, पानी उतरते ही प्रभावित गांवों में दिखा बर्बादी का मंजर
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खंडार: शांत हुआ चंबल का रौद्र रूप, पानी उतरते ही प्रभावित गांवों में दिखा बर्बादी का मंजर

चंबल नदी के रिकॉर्ड जलस्तर गांवों में पहुंचे पानी से लोगों को धीरे-धीरे निजात मिल रही है पर पानी उतरने के साथ पीछे गांवों में बर्बादी का मंजर छोड़ गया. 

शांत हुआ चंबल का रौद्र रूप

Khandar: सवाई माधोपुर जिले के खंडार क्षेत्र से बहने वाली चंबल नदी अपने पूरे वेग से बहने के बाद अब धीरे धीरे कम होने लगी है, जिससे डूब क्षेत्र के प्रभावित एक दर्जन गांवो के रहवासियों के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है, जहां चंबल नदी ने रौद्र रूप धारण कर 27.100 मीटर के उच्च स्तर को छूकर 26 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया वहीं चंबल किनारे बसने वाले लोगों को भी चंबल नदी के पानी कहर झेलना पड़ा. 

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साथ ही जैसे-जैसे चंबल नदी का पानी कम होता जा रहा है, वैसे ही गांवों में पानी से मची तबाही का मंजर नजर आने लगा है. खेतों में लगी फसलें तबाह हो गई है. वहीं कई गांवों में चंबल के कहर से लोगों के सिर ढ़कने वाले आशियाने तबाह हो गए हैं. लोगों के सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो गया है. प्रशासन द्वारा गांवों को मदद नहीं मिलने के बाद प्रभावित लोगों में गुस्सा व्याप्त है. चंबल नदी के पानी से मिली राहत के बाद खंडार विधायक अशोक बैरवा प्रभावित गांवों में पहुंचे और वहां के लोगों को ढांढस बंधाते हुए नुकसान का आंकलन करवाकर जल्द मुआवजा राशि दिलवाने का भरोसा दिलाया दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा समय पर मदद नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने एसडीएम सहित प्रशासन के आलाधिकारियों को जमकर खरीखोटी सुनाई.

एक दर्जन गांव प्रभावित, अभी भी आशियानों से दूर ग्रामीण
चंबल नदी के रिकॉर्ड जलस्तर गांवों में पहुंचे पानी से लोगों को धीरे-धीरे निजात मिल रहीं है पर पानी उतरने के साथ पीछे गांवों में बर्बादी का मंजर छोड़ गया. प्रभावित गांव बोहना, मीणाखेड़ी, सोनकच्छ, पाली, जलालपुरा, नरोला, धर्मपुरी, सेवतीं खुर्द वहीं लहसोड़ा क्षेत्र के सेवतीं कलां, खिरकड़ी आदि गांवों में लोगों के घरों में रखा खाने-पीने का सामान,अनाज सहित दैनिक उपयोग के सामान खराब हो गए या फिर सैलाब के साथ बह गए और बचें तो सिर्फ मुसीबत के निशान जो पीड़ित ग्रामीणों को अंतरात्मा तक झकझोर रहे हैं. प्रभावित गांवों के लोग अभी भी सुरक्षित जगहों पर ठहरे हुए हैं. वहीं जो लोग पानी उतरने के बाद अपने मकानों, घरों तक पहुंच रहे हैं. उनके चेहरे पर बर्बादी और नुकसान की टिस जुबान से निकल रही हैं.

बिजली आपूर्ति ठप, पीने का साफ पानी भी नहीं उपलब्ध
चंबल से प्रभावित एक दर्जन गांवों में बने बाढ़ के हालातों के बीच अब लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रभावित गांवों में चंबल की त्रासदी के बाद अब पीने का शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं है. वहीं गांवों में आ रहीं बिजली लाइनें भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. कही गांवों में बिजली ट्रांसफार्मर पानी मे डूब गए, जिसके चलते जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. हालांकि चंबल नदी का जलस्तर गिरने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. पानी उतरने के बाद घरों की दुर्दशा देखने को मिल रही है. कही कच्चे मकान धराशायी हो गए है तो दूसरी तरफ पशुपालन पर आश्रित कही परिवारों के सामने जानवरों को खिलाने के लिए चारे के संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीण रामविलास मीणा, सत्यनारायण, पवन आदि ने बताया कि पानी उतरने के बाद घरों में दीवारों पर मिट्टी जम गई है. वहीं 5 इंच से भी ज्यादा मिट्टी मकानों में नीचे जम गई है. पानी भराव होने से अब बीमारियों के फैलने का खतरा भी बनता जा रहा है. पीने का पानी भी साफ नहीं मिल रहा है. बिजली नहीं आने से लोग कुओं का मटमैला पानी छानकर पीने को मजबूर हैं.

प्रशासनिक मदद के खोखले दावें, भामाशाह बने मददगार
चंबल नदी में आये रिकॉर्ड पानी और इससे चंबल के तटीय इलाकों में बसें गांवों में हालात बिगड़ने के बाद भी प्रशासन मदद का ढिंढोरा पीटते हुए सड़को पर दौड़ता जरूर नजर आया पर प्रभावित गांवों को प्रशासन द्वारा निकलने के लिए समय पर सहायता नहीं मिली. चंबल में लगातार पानी बढ़ने के बाद कई प्रभावित गांवों के लोग स्वयं ही सुरक्षित स्थानों पर अपने जरूरी सामान के साथ चले गए. वहीं जिनके पास किसी प्रकार का साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण हालात बिगड़ने पर अपना घर छोड़कर निकले, जिससे लोगों को भारी नुकसान की आशंका है. प्रशासन लोगों को खाना उपलब्ध कराने के दावे करता रहा पर टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया द्वारा भोजन के लिए एक लाख रुपए देने के बाद भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं द्वारा भोजन बनाकर लोगों को खिलाया. वहीं सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के बाद फंसे मुसाफिरों को खाना मिल सका. उसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा भी प्रभावित लोगों की मदद के लिए बिस्किट, पानी की बोतलें दवाइयों की व्यवस्था कर लोगों तक पहुचाएं गए.

Reporter: Arvind Singh

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